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पंजाब मैं डी आई जी अटवाल व् कश्मीर मैं लेफ्टिनेंट उम्र फयाज़ की ह्त्या : गंभीर मील स्तम्भ को पहचानो

अकसर यह माना जाता है की पंजाब  मैं अगर डी  आई जी अटवाल की स्वर्ण मंदिर मैं जब ह्त्या हुयी थी तब यदि एक निर्णयाक कदम उठा लिया होता तो पंजाब को व् देश को इतनी बड़ी कीमत नहीं चुकानी पड़ती . आज कश्मीर घटी मैं लेफ्टिनेंट उम्र फ़याज़ की आतंकवादियों द्वारा ह्त्या को यदि छोड़  दिया गया तो इसके बहुत गंभीर परिणाम देश व् सरकार को चुकाने पड़ेंगे . सेना का मनोबल पहले ही शांति प्रक्रिया मैं राजनितिक उद्देश्यों से ली गयी बेकार की कार्यवाहियों से बहुत गिर चुका है . उम्र फ़याज़ की ह्त्या एक बहुत बड़ा मोड़ बन सकती है . सरकार को इसे बिना पूरी कार्यवाही के नहीं बीतने देना चाहिए .

नीचे लिखे लेख की भावनाओं को समझने की आवश्यकता है .

Two Tragedies and The Difference  : OFH Jung

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