यह विषय हिन्दुओं के लिए चिंता योग्य व् चिंतन योग्य है . पहले ईरान गया , फिर अफ़ग़ानिस्तान फिर नेपाल,बर्मा , लंका ,पाकिस्तान अ कश्मीरी सुगबुगा रहे हैं . क्या हमारा अस्तित्व टूटने व् बिखरने मात्र का है . क्या कभी इतिहास को कोई पलटेगा जैसे महाराजा रणजीत सिंह ने एक बार किया था .स्वर्गीय मैथिलि शरण जी ने ठीक लिखा था
हम क्या थे क्या हो गए और क्या होंगे अभी ?
पढना शुरू करोगे तो पुरा पढोगे…
1378 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना – नाम है इरान!
1761 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना – नाम है अफगानिस्तान!
1947 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना – नाम है पाकिस्तान!
1971 मेँ भारत से एक हिस्सा अलग हुआ, इस्लामिक राष्ट्र बना – नाम हैँ बांग्लादेश!
1952 से 1990 के बीच भारत का एक राज्य इस्लामिक हो गया – नाम है कशमीर!…
और अब उत्तरप्रदेश, आसाम और केरला इस्लामिक राज्य बनने की कगार पर है! और हम जब भी हिँदुओँ को जगाने की बात करते हैँ, सच्चाई बताते हैँ तो कुछ लोग हमेँ RSS, VHP और SHIV-SENA, BJP वाला कहकर पल्ला झाङ लेते हैँ!
हाल की दो महत्वपूर्ण घटनाओ को देश ने जरूर देखा होगा —
( 1 ) उपराष्ट्रपति हमीद अंसारी ने अपने धर्म के महत्व को समझते हुए दशहरा उत्सव के दौरान आरती उतारने से मना कर दिया क्योकि इस्लाम मे ये करना “मना” है ।
( 2 ) टी॰वी॰ सीरियल बिग बॉस की एक प्रतियोगी गौहर खान ने दुर्गा पुजा करने से मना कर दिया और वो दूर खड़ी रहकर देखती रही, जबकि ये एक कार्य था जिसे करना सभी प्रतियोगी के लिए जरूरी था लेकिन गौहर खान ने इस कार्य को करने से साफ मना कर दिया क्योकि इस्लाम मे ये करना “मना” है ।
मित्रो इन दोनों (हमीद अंसारी व गौहर खान) को मेरा साधुवाद क्योकि दोनों ने किसी कीमत पर भी अपने धर्म से समझौता नहीं किया, चाहे इसके लिए कितनी बड़ी कीमत भी क्यो न चुकनी पड़े । ये घटना उन तथाकथित “सेकुलर” हिन्दुओ के मुह पर जोरदार तमाचा है जो कहते फिरते है की कभी “टोपी” भी पहननी पड़ती है तो कभी “तिलक” भी लगाना पड़ता है , इस घटना मे मीडिया का मौन रहना सबसे
ज्यादा अचरज का विषय है क्योकि सबसे ज्यादा हाय तौबा यही मीडिया वाले मचाते रहे है जब नरेंद्र मोदी जी ने मुल्ला टोपी पहनने से इनकार कर दिया था । उदाहरण लेना है तो मुस्लिम समुदाय के लोगो से सीखो जो अपने धर्म के लिए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने को तैयार रहते है, पर अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं कर सकते । वही हमारे हिन्दू लोग “कायरता” का दूसरा रूप “सेकुलर” होने का झूठा दिखावा करने से बाज नहीं आते । इस को गौर से एक बार पढ़ लो, अमल करो मत करो आप लोगो की मर्जी,,,,
ज्यादा अचरज का विषय है क्योकि सबसे ज्यादा हाय तौबा यही मीडिया वाले मचाते रहे है जब नरेंद्र मोदी जी ने मुल्ला टोपी पहनने से इनकार कर दिया था । उदाहरण लेना है तो मुस्लिम समुदाय के लोगो से सीखो जो अपने धर्म के लिए बड़ी से बड़ी कीमत चुकाने को तैयार रहते है, पर अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं कर सकते । वही हमारे हिन्दू लोग “कायरता” का दूसरा रूप “सेकुलर” होने का झूठा दिखावा करने से बाज नहीं आते । इस को गौर से एक बार पढ़ लो, अमल करो मत करो आप लोगो की मर्जी,,,,
मैंने 10 लोगो को जो की हिन्दू है उनसे पुछा. . .
किस जाती के हो…..??
सभी ने अलग अलग जवाब दिया….
सभी ने अलग अलग जवाब दिया….
किसी ने कहा राजपूत
किसी ने कहा बामण
किसी ने कहा जाट
सब अलग अलग
किसी ने जैन
तो किसी ने अग्रवाल….
किसी ने कहा बामण
किसी ने कहा जाट
सब अलग अलग
किसी ने जैन
तो किसी ने अग्रवाल….
लेकीन मैने 10 मुसलमानो को पूछा की कौन सी जाती के हो ?
सभी का एक जवाब आया
सभी का एक जवाब आया
“मुसलमान”
मूझे अजीब लगा मैने फिर से पूछा फिर वही जवाब आया
मूझे अजीब लगा मैने फिर से पूछा फिर वही जवाब आया
“मुसलमान”
तब मुझे बड़ा अफसोस हुआ और लगा हम कीतने अलग और वो कितने एक.
कुछ समझ मै आया हो, तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहीये
॥ हिन्दू ॥
और गर्व करते हो ” हिन्दू ” होने का तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मूझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले …..!
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में एक मुस्लिम भाई ने जनहित याचिका डाली थी कि पडोसी मुल्क में हज करने के लिए सब्सिडी मिलती है तो हमें भी मिलनी चाहिए. पाकिस्तान कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये कहा कि कुरान और हदीसे के हिसाब से हज पसीने की कमाई से करना पड़ता है ! दूसरों की कमाई से नहीं ! सब्सिडी इस्लाम के खिलाफ है !
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से भारतीय मुसलमानों को मिल रही सब्सिडी हराम है क्या नेता इस पर कुछ टिप्पणी देंगे ?..
अजीब कानून है भैया, गाय का चारा खाया तो जेल भेज दिया और जो गाय को खा रहा है उसको हज के लिए भेजते हो ..
ये जो नीचे लिखा है वो कोई मज़ाक नहीं है, कल ये आपके सहर में भी हो सकता है, अगर ये अमेरिका, जापान या फिर चाइना में हुवा होता तो इन शांति प्रिय मजहब वालों को काट कर गटर में फेंक देते.
कुछ दिन पहले NDTV के रवीश कुमार ने RSS के सिन्हा सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि अगर देश में मुस्लिम ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ???
इसका एक प्रायोगिक उत्तर कल के एक वाकये ने दिया मुस्लिम बाहुल्य “काश्मीर विश्वविद्यालय” में एक फिल्म “हैदर” की शूटिंग चल रही थी उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया और कलाकारों को जय हिंद बोलना पड़ा| इतना होना था कि विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े फिल्म का सेट तोड़ दिया गया|काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर निकाला जा सका| तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिंद पर आपत्ति इस सबका कारण थी| पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया गय| ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं विश्वविद्यालय के छात्र थे !
इसका एक प्रायोगिक उत्तर कल के एक वाकये ने दिया मुस्लिम बाहुल्य “काश्मीर विश्वविद्यालय” में एक फिल्म “हैदर” की शूटिंग चल रही थी उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया और कलाकारों को जय हिंद बोलना पड़ा| इतना होना था कि विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े फिल्म का सेट तोड़ दिया गया|काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर निकाला जा सका| तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिंद पर आपत्ति इस सबका कारण थी| पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया गय| ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं विश्वविद्यालय के छात्र थे !
एक सुन्दर संवाद :: एक बार ज़रूर पढ़ेँ बी. एससी. का छात्र,,,, कॉलेज का पहला दिन ……(गले में बड़े बड़े रुद्राक्ष की माला)
प्रोफेसर :: बड़े पंडित दिखाई देते हो लेकिन कॉलेज में पढाई लिखाई पर ध्यान दो पूजा पाठ घर में ही ठीक है !!
(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते है)
छात्र:: (विनम्रता से) सर आप मेरे गुरु है और सम्माननीय भी इसलिए आपकी आज्ञा से ही कुछ कहना चाहूँग
(शिक्षक कहते है बोलो)………………..
छात्र: सर जब, ऐसे छोटे कॉलेज छोडिये आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में एक मुस्लिम छात्र दाढ़िया बढाकर या टोपी चढाकर जाते है और कितनी भी बड़ी लेक्चर हो क्लास छोड़कर namaz के लिए बाहर निकल जाते है तो शिक्षक को वो धर्मनिष्ठता लगता है जब क्रिस्चन छात्र गले में बड़े क्रौस लटकाकर घूमते है तो वो धर्मनिष्ठता है और ये उनके मजहब की बात हुई और आज आपके सामने इसी क्लास में कितने ही लड़कियों ने बुर्खा पहना है और कितने ही बच्चो ने जालि-टोपी चढा रखा है तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा तो आखिर मेरी गलती क्या है ???
क्या बस इतना की मै एक हिंदू हूँ ???
शिक्षक क्लास छोड़कर बाहर चला गया.
1 मिनट चैटिगँ छोडकर इस पोस्ट को जरूर पढेँ वर्ना सारी जिन्दगी चैट ही करते रह जाओगे
आँखो से पर्दा हटाओ दोस्तो और मशाल जलाओ । ज्यादा से ज्यादा लाइक शेयर करो मित्रो और ये पोस्ट पूरी whatsapp पर फैलानी है ।
मेरे दोस्त ये पोस्ट पूरी पढने के लिये धन्यवाद, खुब खुब अभार
वन्दे मातरम – जय हिन्द
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One Response to “हिन्दू : हम क्या थे , क्या हो गए और क्या होंगे अभी”