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बिहार मैं गोरक्षक सरकार ही बन सकती है गो भक्षक नहीं : परन्तु भारतीय परम्परा शास्त्रार्थ की है फतवे , फरमान व् कानूनों की नहीं

 

गोरक्षकों या गोभक्षकों की बिहार सरकार : शास्त्रार्थ का उपयोग करें फतवों , फरमानों या नए कानूनों का नहीं

Rajiv Upadhyay RKU

लालू यादव के हिन्दुओं के गो मांस कहने के बयान की तीखी प्रतिक्रया स्वाभाविक थी . विशेषता  यादव जो अपने को श्री कृष्ण  का वंशज मानते हैं तो गोपालक होते .उनके गोमांस खाने की संभावना बहुत कम ही है . इसलिए जो चुनावी माहौल को बिगड़ने वाली राजनितिक प्रतिक्रया हुयी वह स्वाभाविक है . बीजेपी का गो रक्षक सरकार बनाने का वायदा भी इसी की प्रतिक्रया है . इसके पहले अनजाने जैन त्योहारों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला भी सुर्ख़ियों मैं छाया रहा .इसे अन्य राज्यों ने अपनाने की कोशिश की .नवरात्र मैं बहुत लोग मांस स्वेच्छा से नहीं खाते . उधर मीरा बाई की जो सौराल मैं झगड़े शरू हुए थे वह मांस पकाने के ही थे . कृष्ण भक्त मीरा  मांस नहीं पकाना चाहती थी जबकि सास राजपूत परम्परा के हिसाब से मांस भोजन मैं परोसना चाहती थी . मनुष्य पहले मांसाहारी ही था . खेती तो मात्र दस हज़ार साल पुरानी है .इसलिए मांसाहार प्राचीन भारत मैं भी प्रचलित था. परन्तु अब आबादी इतनी बढ़ गयी है की इसका वर्णन पुरानो इत्यादि मैं मिल जाता है .बलि की कहानी तो बहुत पुराणी है . आज भी नेपाल मैं यह बहुत प्रचलित है .  पृथ्वी मांसाहारियों की अपेक्षा छः गुने शाकाहारियों को भोजन उपलब्ध कर सकती है .तो विश्व की बढ़ती जनसंख्या के कारन शाकाहार भविष्य की मजबूरी है .इसके अतिरिक्त धीरे धीरे सभ्यता करुणामयी होती जा रही है . भारत मैं जैन समाज विशेषता शाकाहार का प्रबल समर्थक है . हिन्दुओं का अधिकाँश वर्ग शाकाहारी है परन्तु मांसाहार ब्राह्मणों के अतिरिक्त औरों को वर्जित नहीं है .सिख व् मुसलमान विशेषतः मांसाहारी हैं .

आज गो मांस हिन्दुओं , जैनों मैं एक दम प्रतिबंधित है . परन्तु इक्का दूका लेख बहुत पुराने काल मैं गो मांस के खाने कभी मिल जाते हैं . हमारे संविधान मैं गो रक्षा के प्रावधान हैं .उत्तर पूर्व , बंगाल व् केरल के अतरिक्त गो ह्त्या पर सम्पूर्ण भारत मैं प्रतिबन्ध है .

बिहार मैं तो गो वध प्रतिबंधित है इसलिए लालू जी का बयान तो संविधान  के विर्रुध ही है .

वर्तमान बिहार मैं गोरक्षक सरकार ही बन सकती है गो भक्षक सरकार नहीं

परन्तु आज भारत मैं करोड़ों गायें हैं .बूढ़ी गायों की संख्या भी पचहत्तर   लाख या एक करोड़ से से ऊपर ही होगी . उनको पहले जंगल मैं छोड़ देते थे अब तो वह भी नहीं बचे .इन प्रश्नों के उत्तर भी सोचने होंगे .क्या हम गोरक्षा टैक्स लगायेंगे ?

परन्तु हमारे देश की परम्परा धार्मिक मामलों को शास्त्रार्थ से सुलझाने की है . हिन्दू फतवों या सरकारी फर्मानों से धार्मिक मसले नहीं सुलझाते थे .यहाँ तक की आधुनिक युग मैं सबसे बड़े समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती ने सदा शास्त्रर्थ से ही अपनी बात कही . उनका बनारस का शास्त्रार्थ तो स्वयं काशी नरेश की उपस्थिति मैं हुआ था.इसी प्रकार अदि शंकराचार्य भी कहते हैं की अपने झोले  मैं एक शंख ले कर चलते थे और जहां तक शंख ध्वनि जाती थी वहां तक शास्त्रार्थ की चुनौती देते जाते थे . राजा मिलिंद  व् नागसेन की बीच के संवाद अपने काल के मशहूर शास्त्रार्थों मैं से है . इसलिए धर्म के मामलों मैं हिन्दुओं मैं कोई ठेकेदार नहीं था. यहाँ चार्वाक को भी मह्रिषी कहा जाता है और खजुराहो को मंदिर . क्या आज हम खजूराहो बना सकते हैं ?

सरकार को राजनितिक जन प्रतिनिधियों के मार्ग दर्शन के लिएविश्वामित्र या  वशिष्ट सरीखे राज गुरुओं को भी ढूंढना होगा .

परन्तु इस सब के बावजूद भारत मैं गोभक्षक सरकार नहीं बन सकती . गत वर्षों मैं भारत की संस्कृति तो केन्द्रीय विद्यालयों मैं संस्कृत भाषा की तरह लुप्त हो गयी थी .

इसलिए गो रक्षा का विषय नहीं उठा था .

ऐसे मैं सरकारों को दैनिक जन जीवन के व्यक्तिगत फैसलों मैं आधिकारिक रूप से दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए .जनता को यह खुद ही फैसला करने दें की वह नवरात्र पर मांस खाना  चाहती है या नहीं .मीराबाई की कहानी मैं मीरा को विषपान करना आवश्यक नहीं था .

नीचे लिखा ई – मेल घूम रहा  है

 

The slaughter of cows is banned in large parts of India but the country exports more beef ( including buffallow , bull meat ) than any other nation.


Here are the numbers that help explain the contradiction.

301.6 MILLION

The estimated number of cattle (oxen and the Indian humped variety of cows) and water buffalo in India in 2016, according to the U.S. Department of Agriculture Foreign Agricultural Service.

4.5 MILLION TONS

Estimate of the weight of the water buffalo meat and beef that will be produced in India in 2016, an increase of 5% from a year earlier.

37%

The proportion of buffalo meat produced by Uttar Pradesh in 2015, the highest share of any state. India produced 43% of the world’s buffalo meat in 2015, the highest of any nation.



2.3 MILLION TONS

The weight of beef and water buffalo estimated will be consumed in 2016 in India, up from 2.2 million tons in 2015. The USDA estimates that population growth will drive demand and said that because of its affordability, water buffalo is the second-most consumed animal protein after chicken meat in India.

2.2 MILLION TONS


The amount of water buffalo expected to be exported from India in 2016, up from 2.1 million in 2015. The increase is due to rising demand from the Middle East, Africa and Southeast Asia.

Vietnam and Malaysia are the largest export markets for India, according to the USDA.

62 MILLION

Cattle artificially inseminated in 2015, three times the number the year before and adding 18 million to the livestock population.

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