Archive: इतिहास Subscribe to इतिहास

दिवः स्वप्न से दुस्स्वप्न तक : इकबाल व् जिन्नाह से तारेक फतह तक : मुस्लिम लीग की घृणा की विचारधारा का सौ वर्ष का असफल सफ़र

दिवः स्वप्न से दुस्स्वप्न तक : इकबाल व् जिन्नाह से तारेक फतह तक :   मुस्लिम लीग की घृणा की विचारधारा...

बहादुरशाह ज़फर के अंतिम दिन : इतिहास की एक उदास ग़ज़ल

 बहादुरशाह ज़फर के अंतिम दिन : इतिहास की एक उदास ग़ज़ल इतिहास की एक उदास ग़ज़ल रूपसिंह चन्देल कृपया...

Kashmir during sheikh abdullah ., Sadiq, Qasim, Gulshah and Farooq abdullah -an article by Suresh Chand Kalhan

    Kashmir during sheikh abdullah ., Sadiq, Qasim, Gulshah and Farooq abdullah -an article by Suresh Chand Kalhan The land in northern part of Himalayas in india was named behind Rishi Kashyap who was owner of it. Rishi Kashyap carved...

BOPA Conference in UK on Asian Contribution In First World War

  Dear friends,  BOPA organised a conference to raise awareness about “Asian Contribution in World War 1” in Coventry at Belgrade Theatre on Saturday 17thJanuary, 2015 at 2 PM. This event was organised to support Mr Paul Sabapathy,...

मुहम्मद बिन कासिम की सिंध विजय से मुहम्मद गौरी की विजय तक का भारतीय इतिहास – wikipedia

मुहम्मद बिन कासिम की सिंध विजय से मुहम्मद गौरी की विजय तक का भारतीय इतिहास अक्सर ग़जनी व् गौरी...

क्या अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का समय आ गया है – पुलस्त्य चक्रवर्ती / इंडिया फैक्ट्स :Ayodhya: Time to build the Rama temple

क्या अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का समय आ गया है – पुलस्त्य चक्रवर्ती / इंडिया फैक्ट्स हाल...

महाभारत युद्ध के पश्चात कौन था कुरुवंश का अंतिम राजा…webdunia

महाभारत युद्ध के पश्चात कौन था कुरुवंश का अंतिम राजा… महाभारत युद्ध के पश्चात पांचाल पर पांडवों...

WHY DOES WILLIAM DALRYMPLE ADORE AURANGZEB – Francois Gautier

द लास्ट मुग़ल के लेखक का उगलों से प्यार होना कोई आश्चर्य नहीं है . हल ही मैं उन्होंने हिंदुस्तान...

वन्दे मातरम गीत और राष्ट्रीयता – अग्निवीर

वन्दे मातरम गीत और राष्ट्रीयता agniveer    https://agniveerfan.wordpress.com/ अभी हाल ही में बसपा संसद शाफिकुर्रहमान बर्क...

Light a candle for the heroes of Rezang La – रीडिफ़ : १९६२; ज़रा याद करो कुर्बानी

वैसे तो १९६२ का युद्ध एक शर्मनाक दाग है जो हमारे ऊपर लगा है और कभी छूटेगा नहीं . २१  नवम्बर १९६२...