Archive: Literature Subscribe to Literature
बचपन – कविता रविन्द्र कुमार
Ravinder Kumar
बचपन में कितनी अमीरी थी
कागज के थे तो क्या ?
हवाई जहाज, नाव, टोपी पीपनी सब कुछ ही तो...
हिंदी दिवस पर विशेष : वह एक बूढी औरत
हिंदी दिवस पर विशेष : वह एक बूढी औरत
एक बूढी औरत….
राजघाट पर बैठे-बैठे रो रही थी
न जाने किसका...
मन्त्र – प्रेम चाँद की श्रेष्ठ कहानी
मन्त्र
प्रेमचंद की कहानी
संध्या का समय था। डाक्टर चड्ढा गोल्फ खेलने के लिए तैयार हो रहे...
पुष्प की अभिलाषा – माखन लाल चतुर्वेदी
पुष्प की अभिलाषा
माखनलाल चतुर्वेदी
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं...
हिमालय : दिनकर की कविता :’ मत रोक युधिष्टिर को न आज : लौटा दे अर्जुन भीम वीर
हिमालय
मेरे नगपति! मेरे विशाल!
साकार, दिव्य, गौरव विराट्,
पौरूष के पुन्जीभूत ज्वाल!
मेरी जननी के...
क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो – राम धारी सिंह दिनकर
शक्ति और क्षमा / रामधारी सिंह “दिनकर”
»
»
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा
पर...
भारत के इस महाभारत में कृष्ण तुम्हें आना ही होगा – जन्माष्टमी पर प्रासंगिक कविता
Bharat ke is mahabharat mein
taken from e mail of Sh O.F.H.Jung
krashna tumhe aana hi hoga
phir se is dharti par yudh ka
shankh bajana hi hoga
shudharshan chakra haath mei le
bhrasht netao ko narak to
pahuchana hi hoga
krashna tumhe aana...
खामोश ! हो रहा है भारत निर्माण : सुन्दर व्यंग्य की कविता
एडियाँ रगड़ते भूखे बच्चे, खुले में सड़ता धान..
कोई पूछे कह देना.. हो रहा भारत निर्माण..!
शीश गंवाते...
नहुष का पतन – मैथिलि शरण गुप्त की कविता
नहुष का पतन
मत्त-सा नहुष चला बैठ ऋषियान में
व्याकुल से देव चले साथ में,विमान में
पिछड़े तो वाहक...
Recent Comments