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ईदगाह – प्रेमचंद की प्रासंगिक कहानी
All those campaigning to introduce Mother’s day and Father’s Day on American pattern in India, in which sending gift with card is considered ‘ mukti’ from parental obligation may learn from this story the depth an secret...
मानव जीवन की लघुता पर उर्दू शेरों के अलफ़ाज़
मानव जीवन की लघुता पर अनेक मनीषियो ने अपने विचार व्यक्त किये हैं आज हम आपकी सेवा में कुछ
उर्दू...
मनुष्यता : मैथिलि शरण गुप्त की कविता
मनुष्यता
विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो परन्तु...
भिक्षुक : सूर्य कान्त त्रिपाठी निराला की कविता
भिक्षुक / सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
वह आता–
दो टूक कलेजे के करता पछताता
पथ पर आता।
पेट पीठ...
जय शंकर प्रसाद की कवितायेँ
आह ! वेदना मिली विदाई
आह ! वेदना मिली विदाई
मैंने भ्रमवश जीवन संचित,
मधुकरियों की भीख लुटाई
छलछल...
बड़े घर की बेटी _ प्रेमचन्द की उत्कृष्ट सामाजिक कहानी
बड़े घर की बेटी
बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गॉँव के जमींदार और नम्बरदार थे। उनके पितामह किसी समय बड़े...
बीती बिभावारी जाग री – जय शंकर प्रसाद की कविता
बीती विभावरी जाग री !
अम्बर पनघट में डुबो रही-
तारा-घट ऊषा नागरी ।
खग-कुल कुल-कुल-सा बोल रहा,
किसलय...
I am drinking from my saucer because my cup has overflowed – Beautiful short poem
from e mail sent by sh V.S,Sehgal ,
published due to great human value of message
My dear friends,
Please, read this piece slowly. It is really beautiful.
I’ve never made a fortune, and it’s probably too late now.
But...
मैं नीर भरी दुःख की बदली – उमड़ी कल थी मिट आज चली : महादेवी वर्मा
मैं नीर भरी दुख की बदली!
स्पंदन में चिर निस्पंद बसा,
क्रंदन में आहत विश्व हँसा,
नयनों में दीपक...
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