आज जो देश मैं आशा व् उत्साह का वातावरण है और जो मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत प्राप्त है यह विलक्षण है और शायद दुबारा कभी न आये . अगर सरकार अच्छी चली तो शायद फिर पांच साल के लिए चुन ली जाय परन्तु फिर भी यह वातावरण दुबारा नहीं मिलेगा . इसलिए आवश्यक है की महाभारत के कर्ण की शक्ति की तरह इस बहुमत व् उत्साह का प्रयोग छोटे मोटे परिणामों के प्राप्त करने के लिए न किया जाय बल्कि देश १९४७ मैं जिस ध्येय व् मार्ग को न चुन सका उसे पुनः प्राप्त करने के लिए किया जाय.
देश की गरीबी अवश्य ही सबसे बड़ी समस्या है जिसका उपचार अति आवश्यक है . गरीब जनता को भोजन व् स्वस्थ उपलब्ध कराना निस्संदेह मोदी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए .उनका पिछ्ला इतिहास कहता है की वह उससे शायद जीत भी लेंगे .
पर एक बड़ी समस्या से देश ग्रस्त है .
भ्रष्टाचार एक रोग नहीं बल्कि उसका मात्र लक्षण है .इमानदारी सिर्फ रिश्वत न लेना ही नहीं है . यह जीवन के हर क्षेत्र मैं दर्शित होती है . शिक्षक पढ़ाने मैं , सैनिक लड़ने मैं , डॉक्टर इलाज़ मैं , मा परिवार के प्रति समर्पण मैं हर आदमी अपने काम मैं इमानदारी दिखाए . गीता के निष्काम कर्म पर भाषण नहीं बल्कि व्यवहार होना चाहिए . पर मात्र इमानदारी भी पूर्ण समाधान नहीं है . स्वाभिमान भी कहाँ रह गया है . दून स्कूल वालों व् उनके सरीखों ने देश मैं एक हीनता की भावना ला दी है . हमारा निज संस्क्रती पर गौरव समाप्त कर दिया है.देश को सोने की चिड़िया दुबारा हीन भावना से कुंठित जनता से नहीं बनाया जा सकता . अपने गौरवशाली इतिहास को प्रेरणा बना उज्जवल भविष्य को पाने के प्रति सम्पूर्ण समर्पण करने वालों की एक सेना बनाने की आवश्यकता है .
नारी शक्ति की धारणा भी विकृत हो गयी है . स्त्री आज भी परिवार का स्तम्भ है . उसकी मात्र आर्थिक परिकल्पना एक भ्रान्ति है .परिवार कल्याण के लिए यदि नौकरी करनी है तो करो पर बिना नौकरी के स्त्री अधूरी है ऐसा नहीं है .हमारी पारिवारिक व्यवस्था एक दृढ स्तम्भ है . इसे नारी मुक्ति के व्यर्थ दंभ व् घुन से बचाना होगा . इसने पश्चिम की संस्कृति का विनाश कर दिया है .हम छोटे बच्चों के क्रच या बूढ़े लोगों के अलग घरों की संस्कृति मैं नहीं जा सकते. होगा .माता पिता का पेरिवार के प्रति समर्पण , बड़ों का घर मैं आदर के साथ रहने का कोई विकल्प नहीं है .
हम सबसे ज्यादा स्कूल पर सबसे खराब पढाई वाले देशों मैं हैं . हमारी पी एच डी की डिग्री बहुत निम्न श्रेणी की है .हर कोई बिना मेहनत के जल्दी से अमीर बनना चाहता है जो की वास्तव मैं असंभव ही नहीं बल्कि एक रोगी मानसिकता है .
मोदी सरकार एक मौक़ा है . हम इसे नहीं गंवा सकते .
हमें युरोप की रेन्नास्संस की तरह एक सम्पूर्ण पुनर्जागरण की आवश्यकता है .
यही मोदी सरकार का दूर गामी लक्ष्य होना चाहिए .