हिन्दू हित रक्षा : समर शेष है
जो लोग इस भ्रम मैं हैं की मात्र मोदी सरकार के बन जाने से हिन्दू हित रक्षा स्वतः हो जाएगी वह दिवःस्वपनावस्था मैं हैं . हिन्दू विरोधी शक्तियां इतनी चालक हैं की मोदी व् बी जे पी को वह अपने षड्यंत्र मैं फाँस लेंगी .या तो बमों के धमाके का डर दिखा कर या स्वीस बैंकों मैं अकाउंटों की पोल खोल कर , या ऍफ़ डी आई को रोकने की धमकी दे कर , या मीडिया पर दुष्प्रचार कर वह बी जे पी के नेताओं को वैसे ही चुप कर देंगी जैसे उन्होंने सोनिया के समय मैं कर दिया था . नहीं तो वह आर एस एस व् विहिप को सत्ता की समान्तर धुरी सिद्ध कर देंगे और मोदी को उनका दुश्मन बना देंगे .वह मोदी सरकार को आर्थिक प्रगति तक सीमित कर छोड़ेंगे और पांच साल देखते देखते बीत जायेंगे . पिछले पैंसठ वर्षों के साम्प्रदयिकता के प्रचार के दुश प्रभाव ने हिन्दू स्वाभिमान व् साहस को हर लिया है . उसे अपने को हिन्दू गर्व से कहने मैं शर्म आती है .हिन्दुओं के लिए कुछ करने की बात तो अब छोड़ ही दें .भारत के टीवी चैनल व् प्रेस पर अभी भी विदेशियों का ही कब्ज़ा है .
बी जे पी के वाजपेयी शासन मैं किस हिन्दू हित की रक्षा हुयी थी?
जब तक व्यापक जन चेतना नहीं बनेगी हर सरकार इसी तरह असमर्थ होगी .
नितीश ने अयोध्या आन्दोलन की रीढ़ तोड़ दी थी जब मात्र कमिश्नर के तार पर उन्होंने अयोध्या की सब गाड़ियां रुकवा दी थीं और वी एच पीके अशोक सिघल कुछ न कर सके .कहते हैं कि अमरीका मैं पाकिस्तानी एजेंट फायी ने रंगनाथ व् सचर समिति की अप्रत्यक्ष रूप से कथित मदद की थी जिसका कोई सबूत सार्वजानिक नहीं हुआ है .आंध्र मैं मुख्य मंत्री रेड्डी ने परोक्ष रूप से सरकारी खजाने से हर गाँव मैं चर्च बनवा दिए . सिबल ने संस्कृत की पढायी से वेद उपनिषद निकलवा दिए . सलमान खुर्शीद ने दो करोड़ छात्रवृतियां मुसलामानों को दिलवा दीं .ममता ने इमामों को दो हज़ार रूपये तनख्वाह दे दी .अखिलेश ने दो सौ करोड़ रूपये कब्रिस्तानों की मरम्मत के लिए दे दिए .ओवैसी सरे आम हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करता है व् छूट जाता है . हुसैन पार्वती इत्यादि की नंगी तस्वीर बनाकर भी बच जाता है .
मोदी सरकार मैं किस मैं हिम्मत है जो इस मैं से कुछ भी सिर्फ हिन्दुओं के लिए कर के दिखा दे !
सुषमा व् अडवानी तो छद्म धर्म निरपेक्षता के दंश से पूर्व ग्रसित हैं वह तो मोदी को समय रहते छोड़ देंगे इसी बहाने . कांग्रेस करोड़ों खर्च कर देगी मोदी को बांधने मैं . आर्थिक विकास तो सब चाहते पर हिन्दू हितों की रक्षा कौन करेगा . क्या इतने दिनों मैं किसी ने हिन्दू हितों की रक्षा की बात की है . ‘ मोदी और मुसलमान जैसे कार्यक्रम अब क्यों प्रसारित हो रहे हैं .
हमें समान सिविल नियमों मैं कोई लगाव नहीं है पर हिन्दू संस्कृति व् संतों का जो अपमान विगत वर्षों मैं हुआ उसका प्रतिकार आवशयक है व् हिन्दुओं की रक्षा के लिए संवैधानिक कदम आवश्यक हैं .
अगली सरकार के प्रधान मंत्री तो मोदी होंगे बार बी जे पी का एक छत्र राज शायद न रहे . इसलिए हिन्दू हितो की सुरक्षा समय बद्ध प्रोग्राम के रूप मैं तुरंत ही होनी चाहिए . इसके लिए सरकार से पहल नहीं होंगी .
हिन्दू संगठनों को सरकार पर निरंतर दबाब बनाना होगा .
हिन्दू विरोधी ताकतें बहुत समर्थ व् संगठित हैं व् सऊदी व् अमरीका इत्यादि देशों की सरकारों या इसाई संगठनों से परोक्ष रूप से वित्तीय समर्थन प्राप्त हैं . अकेला व् असंगठित हिन्दू इनका कभी मुकाबला नहीं कर सकते . इस समय का उपयोग एक संगठन को बनाने व् सरकार के व् वित्तीय संरक्षण देने का है. हिन्दुओं के वोटों को इसी तरह अगले पंद्रह वर्षों तक संगठित रखना अत्यंत आवश्यक है जो जात पात से पीड़ित समाज के लिए बहुत कठिन है .
हिन्दू मंदिरों का अधिग्रहण बंद होना चाहिए . हिन्दू त्योहारों पर पहले जितनी आठ छुट्टी होनी चाहिए . हिन्दुओं के गरीब बच्चों को दस करोड़ छात्रवृती जन संख्या के अनुपात मैं दी जानी चाहिए . गरीब हिन्दुओं की आई आई टी व् मेडिकल तक शिक्षा का प्रबंध होना चाहिए . मंदिरों की रक्षार्थ हिन्दू रक्षा वाहिनी बननी चाहिए . कश्मीरी पंडितों की रक्षा व् पुनर्वास का खर्चा राज्य सरकार से वसूलना चाहिए . पाठ्य पुस्तानकों मैं पहले की तरह राम , कृष्ण , दधिची के त्याग इत्यादी के पाठ पुनः डालने चाहिए . हमारे प्राचीन मंदिरों की पुन्र्स्थाना सुन्दर ढंग से होनी चाहिए . धर्म परिवर्तन को जो लहर पिछले पांच सालों मैं दक्षिण व् पूर्वोत्तर मैं चली है उसे तुरंत रोक कर पीछे धकेलने की जरूरत है . असम , बंगाल इत्यादि मैं बांग्लादेशियों से उपजा जो मुस्लिम बाहुल्य व् जो उसका आतंक फैलाया है उसका समाधान होना चाहिए . पूर्वोत्तर को सुनियोजित ढंग से पूरा इसाई बना लिया गया है जो खतरनाक है .इन क्षेत्रों पिछले दस सालों मैं ज़मीन की रजिस्ट्रियों की जांच होनी चाहिए . भगवा आतंकवाद की पोल खोल निरपराधियों को मुक्त करना चाहिए . सी बी आयी व् आई बी जैसी संस्थाओं मैं इंदिरा गाँधी हया काण्ड से सीख लेकर नियुक्ती करनी चाहिए . अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली हर सुविधा हिन्दुओं को स्वतः कानूनी रूप से मिल जानी चाहिए जिसमें स्कूलों , मदरसों व् विश्व विद्यालयों इत्यादि को भी शामिल किया जाना चाहिए . हिंदी व् संस्कृत का दस वर्षों मैं बहुत अवमूल्यन हुआ है जिसका प्रतिकार आवश्यक है .मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं हैं . वह अधिक् संगठित है व् असंगठित हिन्दुओं पर हावी रहते है जैसा की बरेली व् मुज्ज़फंर्नगर मैं देखने को मिला . टी वी व् प्रिंट मीडिया विदेशियों के हाथ बिका हुआ है .
इन सब को देखने के लिए एक अल्पसंख्यक मंत्रालय व् आयोग की तस्रह एक बहु संख्यक मंत्रालय व् आयोग बनना चाहिए व् उसके अध्यक्ष डा सुब्रमनियन स्वामी को बनाना चाहिए .
यह सब अपने आप नहीं होगा इस के लिए जन आन्दोलन करने होंगे .
इसी लिए मैं कहता हूँ की हिन्दू हितों की रक्षा का
समर अभी शेष है
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