संजय निरुपम व् केजरीवाल का सेना को सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत देने के लिए उकसाना क्यों घोर देश द्रोह है
यदि भारत आज पाकिस्तान के भारत विरोधी आतंकवाद के सामने दयनीय प्रतीत होता है तो उसके पीछे हमारे कुछ बड़े नेताओं की बहुत बड़ी भूलें हैं .
इन भूलों मैं प्रमुख है भारतीय प्रधान मंत्री मोरारजी देसाईं का पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जिया उल हक को कहूटा परमाणु संयंत्र के बारे मैं सचेत कर देना . जिया की सैनिक बुद्धि ने तुरंत खतरे को भांप लिया और उसके बाद भारत को पाकिस्तानी परमाणु संयंत्रों की कभी पुनः जानकारी नहीं मिली और हम पाकिस्तानी प्रगति को नहीं रोक सके . इतना ही नहीं कहा जाता है की मोरारजी देसी ने रॉ के सभी सम्बंधित कर्मचारियों को भारत बुला लिया . पाकिस्तान ने उनको तो आ जाने दिया परन्तु उनके सब सहयोगियों को खत्म कर दिया और इसने हमारी जासूसी व्यवस्था को बहुत समय के लिए निष्क्रीय कर दिया . अमरीका के एक पत्रकार ने तो मोराजी देसी पर सीआइए का जासूस होने की खबर भी छाप दी जिसका हम प्रतिकार नहीं कर सके . जिया उल हक ने मोरारजी देसाईं को इसके लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान दे दिया .
यद्यपि हम इस का न तो सत्यापन कर सकते हैं न ही खंडन परन्तु भारतीय इन्तेलिजेन्स को इससे बहुत बड़ा झटका लगा था .
ठीक यही गलती हमारे पूर्व प्रधान मंत्रि इंद्र कुमार गुजराल ने की . उनको अपना इक तरफ़ा गुजराल सिद्धांत इतना प्रिय था की उन्होंने भी पाकिस्तान से पूरे रॉ के तंत्र को हटाने की आज्ञा दे दी . जाहिर है की किसी जासूसी संगठन को खड़ा करने मैं अनेक वर्ष लगते हैं . एक बार वह संगठन तोड़ दिया जाय तो उसे फिर से खड़ा करना लगभग असम्भव ही होता है .
मुंबई कांड व् संसद पर हमले जैसे आतंकी हमले को न रोक पाने मैं हमारे रॉ के सगठन को बार रोकना व् समाप्त करना है .
इसी प्रकार की एक गलती हमारे तत्कालीन रक्षामंत्री श्री जोर्ज फर्नांडीस ने की थी . कारगिल युद्ध के दौरान नवाज़ शरीफ इसकी जानकारी से के मुकर जाने पर ऐसे ही भड़काने पर उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन सेनापती मुशर्रफ के चीन से किये गए टेलेफोन के टेप प्रसारित कर दिए . इससे जोर्ज फेर्नंदिस की इज्ज़त तो बच गयी परन्तु चीन व् पाकिस्तान से खुफिया सूचना इकठठा करने की हमारी क्षमता मैं बहुत कमी आ गयी क्योंकि दोनों ने सचेत हो कर हमारे सब रास्ते बंद कर दिए .
आज वही गलती कांग्रेस के संजय निरुपम व् केजरीवाल कर रहे हैं . वह भारतीय सेना व् रक्षा मंत्रि को सैन्य कार्यवाही के टेप जारी करनी के लिए प्रेरित कर रहे हैं जो की उपरोक्त कहनियों की जानकारी के अनुसार देश द्रोह है . सेना के टेप जरी करने से गुप्त सैनिक जानकारी सर्व विदित हो जायेंगी व् सेना को इसका बहुत खमियाजा भुगतना पद सकता है .
वैसे भी क्यों यह दोनों सज्जन पाकिस्तानी प्रोपेगंडा का शिकार बन रहे हैं . क्या ये उकसाना कोई चाल है ?
देश की जनता को अपनी सेना पर पूर्ण विश्वास है और इस विश्वास को राजनितिक स्वार्थ के लिए तोड़ना देश द्रोह है.
Nirupam casts doubt on surgical strike; Congress rejects remark – rediff
Mumbai Congress chief Sanjay Nirupam on Tuesday stoked a controversy when he raised doubt over the veracity of the army’s surgical strikes along the Line of Control, suggesting it was a ‘fake’ even as he accused the Bharatiya Janata Party of indulging in politics over national interest.
The Congress, however, rejected his remarks, saying the party has full faith in the army.
“The Congress doesn’t agree with the statements made by Sanjay Nirupam, we have taken a serious note of it,” party spokesperson Randeep Surjewala said.
Earlier, Nirupam had tweeted, ‘Every Indian wants surgical strikes against Pakistan but not a fake one to extract just political benefit by BJP. Politics over national interest (sic),’ Nirupam tweeted.
Nirupam said it is up to the government to prove the surgical strikes did take place.
He said his party was of the view that Pakistan should be punished.
“The way the BJP was indulging in politics, putting up banners and taking credit gives a view whether such strikes did happen. In Goa, the Defence Minister (Manohar Parrikar) is being publicly felicitated. Why were earlier surgical strikes not announced in a press conference? Why was a press conference done now (by DGMO Lt Gen Ranbir Singh)? Was there any pressure from the government?” he asked.
Rejecting his statement, Surjewala said, “The Congress fully trusts the army. This was neither the first surgical strike by the Indian army, nor will it be the last.”
He, however, also requested the Centre to ‘unmask Pakistan’s propaganda’ by making public ‘evidence of the strike’.
“It’s time that the government of India unmasked Pak’s false propaganda by revealing and making public the evidences we have,” he said.
Army had conducted surgical strikes on seven terror launch pads along the LoC on the intervening night of September 28 and 29, inflicting ‘significant casualties’ on terrorists preparing to infiltrate from Pakistan-occupied Kashmir.
The next morning, the Director General of Military Operations had given this information to the media in a press conference.
Pakistan, however, has been dismissing the claim as ‘fabrication of truth’ and said India was creating ‘media hype’ by re-branding cross-border fire as surgical strikes
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