Canada, Khalistanis and Protecting Indians Abroad : चुटीयल सांप ज्यादा खतरनाक होता है, उसे मारना ही अच्छा होगा राजीव उपाध्याय
जो भारतीय विदेश गए हें वह जानते हें कि विदेशों मैं विशेषतः पश्चिम मैं अधिकांश बड़े गुरुद्वारों पर खलिस्तानियों का कब्ज़ा हो गया है और विदेशी गुरूद्वारे व सिख टीवी चैनल अब भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनते जा रहे हें . इसके अलावा कश्मीर के नाम पर पाकिस्तानी ग्रुप्स भारतीय हितों को खुल कर नुक्सान करने का प्रयास का रहे हें . हाल मैं कनाडा मैं श्रीमती इंदिरा गाँधी की ह्त्या की झांकी व लन्दन मैं भारतीय दूतावास व ऑस्ट्रेलिया मैं मंदिरों पर हमला सभी सभ्य अंग्रेजों को भी अनुचित लगा है . यद्यपि कोई भी देश अपने देश मैं विदेशी एजेंसियों द्वारा ह्त्या का विरोध करेगा परन्तु अँगरेज़ हिंसा व अन्याय पसंद नहीं करते हें .
इसके अलावा हिन्दू विदेशों मैं भी सगठित नहीं होता . वह अक्सर धर्म , भाषा व जाती के नाम पर विभाजित होता है . मलयाली , तमिल , बंगाली इत्यादि संगठन भी अपने अलग सांस्कृतिक प्रोग्राम करते हें और उसमें स्वार्थ वश अँगरेज़ सांसद या कॉर्पोरटर को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना चाहते हें . इससे भारतीय हिन्दू एक कम्जोर व विघटित समाज के रूप मैं ही जाने जाते हें .
इसके विपरीत खालिस्तानी व अन्य अलगवादी संगठन से जुड़े लोग क्राइम , तस्करी , ड्रग्स मैं भी अक्सर संलिप्त होते हें . ISI व अन्य विदेशी एजेंसियां भी इनकी मदद करती हें . यहीं तक की इंग्लैंड में पाकिस्तानी लोग नए खालिस्तानी मजदूरों को सस्ते में काम दे देते हें. इसलिए इनको संगठन , पैसे व स्वयं सेवकों की कमी नहीं होती है .
इन देशों की पोलिस भी संगठित व हिंसक मुसलमानों की जमातों से डरती है .इसके विपरीत जब मंदिरों या हिन्दुओं पर हमला होता है तो पोलिस अक्सर उनका जल्दी बचाव नहीं करती है. राजनितिक पार्टियों को भी विभाजित एशियाई समाज पसंद आता है . विदेशी सरकारें भी भारत को नियंत्रण मैं रखने के लिए इनको ज़िंदा पर कमजोर रखना ही पसंद करती है.
इसलिए धीरे धीरे कमजोर परन्तु शिक्षित व अमीर विदेशी हिन्दू समाज कश्मीरी पंडितों या बंगला देशी हिन्दुओं की तरह असुरक्षित हो जाएगा और प्रताड़ित किया जाएगा . विदेशी चीनी समाज चीनी सरकार की बात ज्यादा व जल्दी मानता है और उनको कोई नहीं तंग करता है .इसलिए अब भारत सरकार व आर एस एस / विश्व हिन्दू परिषद् जैसे संगठनों अभी से सक्रीय होना पडेगा . नहीं तो कालान्तर मैं भारतीय लोग भारत की ताकत के बजाय हमारी कमजोरी बन जायेंगे .
कनाडा ने इस बार बड़ी गलती कर दी है . उसके राजनितिक स्वार्थ वश अन्याय व पक्षपात पूर्ण रवैये को जग जाहिर करना होगा. दूसरी तरफ खालिस्तानियों के पासपोर्ट वीसा रद्द किये जाएँ व उनकी सम्पत्ती जब्त कर ली जाय . उनके परोक्ष समर्थकों व रिश्तेदारों को भी कड़ी तरह से सचेत कर दिया जाय . ऐसे मैं ढुलमुल नीती व चुटीयल सांप बहुत खतरनाक होते हें . जब सांप ने हमला कर ही दिया है तो उसका सर कुचलना ही ठीक होगा .
भारत व मोदी जी को एक नए चाणक्य व के पी एस गिल की आवश्यकता है .