अब तक भारतीय जब सिंगापुर के चंगी हवाई अड्डे पर जाते थे तो देश मैं उतरते ही सिंगापूर के भक्त हो जाते थे व् एक टीस सी मन मैं होती थी की हम भारत मैं क्यों नहीं ऐसे नए भारत की प्रगति के स्तम्भ बना सकते . हवाई अड्डे से विश्व बदलते भारत की एक झांकी देख सकेगा . यह कहा जा सकता है जिस देश मैं अभी भी भूखमरी से पीड़ित जनता करोंडो लोग हों वहां ऐसे हवाई अड्डे का बनाना कहाँ तक उचित है .परन्तु वास्तविकता यह है की इस हवाई अड्डे का खर्चा हवाई यात्री ही देंगे . फिर यह भी सच है की विदेशी पूँजी को आकर्षित करने के लिए देश की एक प्रगतिशील तस्वीर दिखाना भी जरूरी होता है . दिल्ली व् मुंबई के हवाई अड्डों ने देश की इस ख़राब तस्वीर को पल टने मैं एक महत्वपूर्ण पहल की है .
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