Some of the predictions of veer Sawarkar about partition being no solution to our problems have come true . It was very inappropriate to remove Sawarkars name plate from Andaman jail as done by Mani Shankar Aiyar.
महान राष्ट्रवादी चिन्तक और विचारक वीर सावरकर ने 4 जून 1947 को कहा कि नेहरू का यह कथन गलत सिद्ध होगा कि भारत विभाजन से हिन्दू-मुस्लिम समस्या का सदा के लिए समाधान हो जाएगा। हिन्दू-मुस्लिम समस्या के समाधान के रूप में देश को खंड-खंड करने वालों को मैं चेतावनी देता हूँ कि देश के बंटवारे से यह समस्या सुलझने के स्थान पर और अधिक उलझ जाएगी।
अहमदाबाद में हिन्दू महासभा के अध्यक्ष पद से बोलते हुए वीर सावरकर ने 1937 में कहा था कि हमारे एकतावादी कांग्रेसी नेता उनकी हर अनुचित दुराग्रहपूर्ण मांग के सामने झुकते जा रहे हैं। आज वे वंदेमातरम् का विरोध कर रहे हैं, कल हिन्दुस्थान और भारत नामों पर ऐतराज करेंगे। उनका एकमात्र उद्देश्य भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना है। तुष्टीकरण की नीति से उनकी भूख और बढ़ती जाएगी, जिसका घातक परिणाम सभी को भोगना पड़ेगा।
7 अक्टूबर 1944 को अखंड भारत सम्मेलन में वीर सावरकर जी ने कहा था कि भारत को खंडित करके पाकिस्तान बनाने की माँग करके मुस्लिम लीग ने समस्त हिन्दुओं के स्वाभिमान को चुनौती दी है। कांग्रेसी नेताओं की मुस्लिम तुष्टीकरण की आत्मघाती नीति के कारण देश को खंड-खंड, अंग-भंग करने का षडयंत्र रचा जा रहा है। देश के प्रत्येक हिन्दू को अपने राष्ट्र की अखण्डता की रक्षा के लिए सर्वस्व होम करने के लिए तत्पर रहना चाहिए।
कांग्रेस और गाँधीजी की तुष्टीकरण की क्रियाओं ने हिन्दुओं के स्वाभिमान को समाप्त कर दिया। यदि वीर सावरकर की कही हुई बात हम आज भी मान लें तो भारत भावी दुर्दशा से बच सकता है। वीर सावरकर का विरोध आजादी के बाद भी हुआ। जीते जी उनसे अन्याय किया गया और मृत्यु के बाद अपमान।
विडम्बना देखिए भरी जवानी में काला पानी भोगते हुए वीर सावरकर ने अखंड हिन्दू राष्ट्र की आजादी के लिए कोल्हू चलाया, उसी काले पानी के कीर्ति स्तम्भ से कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने सावरकर के यशोगान का पत्थर हटवाकर उन महात्मा गाँधी का पत्थर लगा दिया, जिन्होंने वहाँ कभी दस मिनट भी चरखा नहीं चलाया।
यह एक स्वतंत्रता सेनानी का घोर अपमान है। केन्द्र सरकार को चाहिए तो यह था कि नोटों पर वीर सावरकर का काले पानी में कोल्हू चलाते हुए का चित्र छापती, वीर सावरकर के नाम पर वहाँ मेडिकल काॅलेज, दिल्ली, मुम्बई में विश्वविद्यालय बनवाती, वीर सावरकर एक्सप्रैस गाड़ी चलाती तथा स्कूल की पाठ्य पुस्तकों में सावरकर का साहित्य पढ़ाती।
आज देश चाहता है कि हिन्दुत्व और हिन्दुस्थान के भविष्य की रक्षा के लिए सावरकर के विचारों को पुनः जीवित करके आगे बढ़ें तथा तुष्टीकरण के अंधेरे को दूर करके स्वाभिमान का वीर सावरकर रूपी सूर्य फिर सें उदय हो।
वीर सावरकर ने 1955 में जोधपुर में हिन्दू महासभा के मंच से बोलते हुए कहा था- जब तक देश की राजनीति का हिन्दूकरण और हिन्दू का सैनिकीकरण नहीं किया जाएगा, तब तक भारत की स्वाधीनता, उसकी सीमाएँ, उसकी सभ्यता व संस्कृति कदापि सुरक्षित नहीं रह सकेगी। मेरी तो हिन्दू युवकों से यही अपेक्षा है कि वे अधिक से अधिक संख्या में सेना में भर्ती होकर सैन्य विद्या प्राप्त करें ताकि समय पड़ने पर वे अपने देश की स्वाधीनता की रक्षा में योगदान दे सकें।