Impemding Brahmputra Water Crisis : India , Bangladesh and China : CNA Study

चीन ने  जैसे दक्षिण चीन सागर मैं दादागिरी से सारे तेल पर अपना अधिकार जता दिया है और वियतनाम , फिलिप्नेस इत्यादि को ठेंगा दिखा दिया है , वैसे ही वह एक दिन पूरे ब्रह्मपुत्र के पानी पर अपना अधिकार  जताने से बाज़ नहीं आयेगा . उसने कहने के लिए सिर्फ बिजली बनाने के लिए बाँध तो बना ही लिया है . अब देरी नहर बनाने की है .यदि चीन ने भारत की सीमा तक का पूरा पानी अपने लिए ले लिया तो ऐसे मैं बांग्लादेश बर्बाद हो जाएगा , यद्यपि चीन कहेगा की ब्रह्मपुत्र का अधिकाँश पानी तो समुद्र मैं बह जाता है इसलिए उसे यदि वह खेती के किये उपयोग करे तो इसमें नुक्सान क्या है ? परन्तु बांग्लादेश मैं नहरों का बिलकुल अभाव है . यदि पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश भी नहरों का एक जाल बनाये तो उसमें अरबों डालर का खर्चा है .चीन यदि वह देगा भी तो उसकी पूरी राजनितिक कीमत वसूलेगा .वह  कीमत भारत विरोध की ही होगी .चीन बेगम खालिदा की सरकार के आते ही यह कोशिश शुरू कर देगा . परन्तु ज्यादा से ज्यादा वह बंगलादेश मैं कुछ नहरें बना देगा . पानी की कमी के तो बहुत से पर्यावरण के दूर गामी परिणाम भी होते हैं , उन्हें बांग्लादेश को भुगतना होगा . या तो उसकी आबादी फिर भारत मैं आ बसेगी या इसके अलावा बांग्लादेश तीस्ता व् गंगा से ज्यादा पानी की मांग करने लगेगा .

देखा जाये तो बांग्लादेश की आजादी से भारत को नुक्सान ही हो रहा है . वह तो भारत को न तो  गैस देना चाह रहा है न  ही अगरतला के लिए रास्ता .हम ही उसके दीवाने हुए जा रहे हैं .

उधर नेपाल से मिल कर व् कश्मीर मैं असंतोष  पैदा कर चीन हमारी पानी की व्यवस्था को छिन्न भिन्न करना चाहेगा .

भारत को इस परिस्थिति के राजनितिक समाधान के लिए सचेत व् तैयार रहना होगा .v

 

 

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https://www.cna.org/cna_files/pdf/CNA-Brahmaputra-Study-2016.pdf

 

 

 

 

 

 

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