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अमरीका ने जनरल मुशर्रफ को वीसा मना किया : खुश मत हो द्रुपद पीड़ित द्रोँण भारत

अमरीका ने जनरल मुशर्रफ को वीसा मना किया : खुश मत हो द्रुपद पीड़ित द्रोण भारत

Rajiv Upadhyay RKU
खबर आई है की दुबई मैं अमरीकी दूतावास ने जनरल मुशर्रफ़ को वीसा देने से मना कर दिया है . उनसे कहा गया है कि वह वीसा पाकिस्तान जा कर मांगे . जाहिर है की जनरल मुशर्रफ़ पाकिस्तान से जान बचा कर आये हैं और दुबारा वहां नहीं जा सकते .उनको वीसा नहीं देने मैं पाकिस्तानी प्रधान मंत्री नवाज शरीफ का भी हाथ हो सकता है .यह संदेश जनरल राहिल शरीफ को भी हो सकता है जो बहुत पर लगा कर एन एस जी पर भारत विरोध मैं विदेशों की यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं .musharaf hillary
इससे भारत को दो शिक्षा मिलती हैं . एक तो अमरीका किसी का सगा नहीं है .यदि आप अमरीका के लिए जान दे भी दें तो वह मात्र वेतनिक सिपाही के कर्तव्य पालन समान है . आप अपनी जान दे कर अमरीका के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं .वह तो इंग्लैंड का भी सगा नहीं है.चीन ने पहले बहुत तेवर दिखाए थे .पर अब चीन के पास इतने डालर के बांड हैं की चीन उनकी अदायगी के लिए अमरीका पर आश्रित है. चीन बहुत निर्यात अमरीका को करता है .पर अमरीका यदि व्यापार बंद कर दे तो नुक्सान चीन को ही ज्यादा होगा .रूस जीरो हो चुका है . यूरोप जीरो हो चुका है . जर्मनी को सह्रानार्थियों से दुखी ब्रिटेन चुनौती दे रहा है. इटली व् स्पेन की अर्थ व्यवस्था ग्रीस की तरह कभी भी डूब सकती है. रूस के ब्रिक्स के प्रयास को अमरीका समाप्त कर चुका है . अमरीका सऊदी अरेबिया का सारा पैसा हड़पने की तैय्यारी कर रहा है जिससे वह बहुत चिंतित है.friends not masters
परन्तु यह भी सच है की चीन को वर्तमान शक्ति अमरीका ने ही दी है.भारत को भी उसे पाने मैं विशेष नुक्सान नहीं है .परन्तु चीन ने तिनामीन स्क्वायर मैं टैंक चला कर अमरीका को चुप कर दिया था . जयचंदों से भरे भारत को अमरीका दो मिनट मैं तोड़ देगा . यहाँ पर तो देश द्रोहियों की जमातें हैं.
इसलिए यदि आज मोदी जी को अमरीका जिया उल हक की तरह चने के झाड पर चढ़ा रहा है तो मोदी जी को को मुशर्रफ़ , जिया व् अयूब खान से सबक लेना चाहिए .उन्हें अहंकार त्याग कर नेहरु जी की तरह कांग्रेस से विदेश व् रक्षा नीति पर सहमती अवश्य बना लेनी चाहिए . यदि वह् यह सहमती आर्थिक नीतियों पर भी बना लें तो सोने पर सुहागा हो जाएगा .
अमरीका पाकिस्तानी राष्ट्र्पति अयूब खान के शब्दों मैं मित्र ही रहे मालिक नहीं .

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