आज जब भारत ने अग्नि ५ से चीन के हर हिस्से पर परमाणु बम गिराने की क्षमता हासिल कर ली है तब भी यह फिल्म सोचने को मजबूर कर देती है की क्या भारत चीन के बारे मैं शेख चिल्ली वाले स्वप्न तो नहीं देख रहा . अग्नि ५ आवश्यक है क्योंकि चीन हमें परमाणु बम की धमकी दे कर दबा सकता है . भारत ने देर से सही कुछ आत्मरक्षा के कदम उठाने तो शुरू किये . परन्तु राजनीती हमें पूरी तैयारी के लिए आश्यक खर्च नहीं करने देती . हमारा रक्षा बजट चीन सेचौथायी से भी कम है . उसके अलावा हमारी रक्षा की सोच मैं पैना पन नहीं है जो पाकिस्तान मैं दीखता है . हमारे कोल्ड स्टार्ट का उन्होंने छोटे परमाणु बम बना कर उत्तर ढूंढ लिया है . चीन भी इस पिक्चर के अनुसार कम खर्च मैं अमरीका से रक्षा मैं बराबरी करनेमें सक्षम हो रहा है .
कुछ वर्ष पूर्व हमने जो माउंटेन कोर बनाने का फैसला लिया था वह उचित था . संभवत एक और स्ट्राइक कोर बनाना आवश्यक है जो सिर्फ लद्दाख की रक्षा करे .एक और स्ट्राइक कोर व् और सीमा पर अधिक सड़कें बनाना परम आवश्यक है .हम आज भी तवांग की रक्षा करने मैं पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं . चीम मिस्सिलों की वर्षा कर हमारे हवाई अड्डे समाप्त कर सकता है. उसके बाद हमारे पास सीमा पर पहुंचना दूभर हो जाएगा . युद्ध मैं रसद पहुंचाना भी उतना ही आवश्यक हो जाता है जितना लड़ना .हमारे ब्रहमोस मिस्सैल बहुत महंगे हैं. अमरीका का टॉम हॉक मिसाईल ब्रह्मोस से चौथाई से भी कम है .चीन हजारों मिसाईल व् ड्रोन से हमले की शुरुआत करेगा . उसके मछली पकड़ने की नावें हवाई जहाज़ करियर को सब तरफ से घेर कर मिसाईल से बचाने मैं सफल हो सकती हैं .ज़मीन की लड़ाई हवाई जहाजों से नहिं जीती जा सकती . इराक युद्ध भारत चीन के लिए बहुत आश्वस्त करने वाला नहीं है .
क्या हम सीमा की सुरक्षाओं को पूर्णतः विश्वसनीय बनाने के बजाय वैश्विक शक्तियों की जिम्मेवारी निभाने की मृग मरीचिका मैं तो नहीं भटक रहे ?
निम्न फिल्म भविष्य के बारे मैं कुछ चुभने वाले प्रश्न अवश्य उठा रही है .
https://youtu.be/w0eivzrcccM
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