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शक्ति और क्षमा (रामधारी सिंह ‘दिनकर’)
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
सबका लिया सहारा
पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे
कहो, कहाँ कब हारा ?
क्षमाशील...
लोहे के मर्द (रामधारी सिंह ‘दिनकर’)
पुरुष वीर बलवान,
देश की शान,
हमारे नौजवान
घायल होकर आये हैं।
कहते हैं, ये पुष्प, दीप,
अक्षत क्यों...
किसको नमन करूँ – दिनकर
तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ, मैं ?
मेरे प्यारे देश ! देह या मन को नमन करूँ मैं ?
किसको...
भूषण
कवि भूषण की कवितायें
इन्द्र जिमि जृम्भा पर
बाडव सअंभ पर
रावण सदंभ पर
रघुकुल राज है !
पवन बारिबाह...
राणा प्रताप की तलवार – श्याम नारायण पाण्डेय
चढ़ चेतक पर तलवार उठा,
रखता था भूतल पानी को।
राणा प्रताप सिर काट काट,
करता था सफल जवानी को॥
कलकल...
हिमालय
रामधारी सिंह दिनकर
मेरे नगपति! मेरे विशाल!
साकार, दिव्य, गौरव विराट्,
पौरूष के पुन्जीभूत ज्वाल!
मेरी...
वीरों का कैसा हो बसंत
सुभद्रा कुमारी चौहान
आ रही हिमालय से पुकार
है उदधि गजरता बार-बार
प्राची पश्चिम भू नभ अपार
सब...
कलमकार हूँ इन्कलाब के गीत सुनाने वाला हूँ
कलमकार हूँ इन्कलाब के गीत सुनाने वाला हूँ
– हरिओम पंवार (Hari Om Panwar)
बहुत दिनों के बाद छिड़ी है वीणा...
यह दिया बुझे नहीं
यह दिया बुझे नहीं
– गोपाल सिंह नेपाली (Gopal Singh Nepali)
यह दिया बुझे नहीं
घोर अंधकार हो
चल रही बयार हो
आज...
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है
– केदारनाथ अग्रवाल (Kedarnath Agarwal)
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है
तूफ़ानों...
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