सीताजी व् धोबी तथा कैकयी नायिका य खलनायिका : रामायण की कुछ अनसुनी कहानियाँ
साधारणतः भगवान् राम के धोबी के ताने पर सीताजी का परित्याग करने की कथा सर्व विदित है . गर्भवती सीताजी को वन भेजना रामायण का एक दर्दनाक प्रसंग है . परन्तु नीचे दिए लिंक पर यू ट्यूब की एक अनसुनी कहानी देखें . इसके अनुसार सीताजी ने जनक महल मैं भाग्य वश एक तोते व् गर्भवती तोती से राम से अपने विवाह की भविष्यवाणी सुन ली . तोता तोती के बहुत प्रार्थना करने पर उन्होंने गर्भ वती तोती को नहीं छोड़ा और उसे अपने साथ सब सुख सुविधाओं के साथ विवाह तक राज महल मैं रहने को कहा . तोते जुगल ने बताया की वह तो वन्य पक्षी हैं और खुले मैं ही रहते हैं . तोती ने प्रसव के बाद सीता जी के पास आने का वचन भी दिया . कुंवारी सीता कौतुहल वश अपने विवाह की बात घटते देखना चाहती थीं और उन्होंने तोते युगल को नहीं छोड़ा . तोती सीताजी को गर्भावस्था मैं पति से अलग होने का श्राप दे कर मर गयी व् तोते ने कहा की सीताजी के परित्याग का वह कारण बनेगा . तोता ही कालांतर मैं धोबी के रूप मैं जन्मा और सीता जी के परित्याग का कारण बना .
इसी तरह दूसरी कथा के अनुसार राजा दशरथ युद्ध मैं बालि से पराजित हुए क्योंकि बालि को अपने से लड़ने वाले का आधा बल मिलने का वरदान था . कैकयी भी इस युद्ध मैं दशरथ के साथ थीं . बालि ने दशरथ को अपना मुकुट अथवा कैकयी को देकर स्वतंत्र करने की शर्त रखी .दशरथ ने अपना मुकुट बालि को दे दिया .केकई को अपने कारण राज मुकुट व् उसकी प्रतिष्ठा के जाने का सदा दुःख रहा . उन्होंने भगवान् राम को वनवास जाते समय बाली से मुकुट जीतने के लिए कहा . पर मृत्यु के समय बाली ने बताया की वह मुकुट रावन छल से ले गया है . बाद मैं अंगद उस मुकुट को रावन से वापिस लाये .
पूरी कहानियाँ यू ट्यूब पर देखें . यद्यपि दोनों कहानियां बहुत सारी अन उत्तरित प्रश्न छोड़ देती हैं .