जनवरी के दस हज़ार से मई के संभावित ५ लाख कोरोना केस का सफ़र : कहाँ चूक हो गयी जो दुबारा न हो ?
राजीव उपाध्याय
आज सर्वत्र त्रासदी की मार झेलता भारत , अभी गयी जनवरी २०२१ मैं सब जगह अपनी कोरोना को रोकने की सफलता के गीत गा रहा था . इतना ही नहीं हमने ९५ देशों को एक करोड़ वैक्सीन दान मैं , दो करोड़ वैक्सीन कोवाक्स को और तीन करोड़ को निर्यात भी कर दिया . इसके अलावा लाखों मास्क , पी पी पी किट व्भी सिरिंज निर्यात कर दिए . संयुक्त राष्ट्र संघ की शांती सेना से लेकर केरीबियां द्वीपों के छोटे छोटे देशों को भारत ने वैक्सीन देकर दुनियां अपनी वैक्सीन डिप्लोमसी की खूब तारीफ बटोरी . प्रधान मंत्री मोदी जी का वैश्विक कद और तब बढ़ गया जब सब अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं भारत की अर्थ व्यवस्था के 11 % की दर से बढ़ने की घोषणा करने लगे . भारत विश्व मैं कोरोना पर जीत पर सफलता का एक मानक बन गया . यद्यपि इसी अवधि मैं चालाक चीन ने ६ करोड़ वैक्सीन निर्यात कीं व् ई यू ने ११ करोड़ वैक्सीन निर्यात कीं . परन्तु दान हमारी संस्कृति है इसलिए हम संतुष्ट हैं .
इस खुशी ने हमें विश्व के सबसे कठिन लॉक डाउन लगाने को ,लाखों मजदूरों के कलकत्ता से बिहार पैदल निकल पड़ने के दारुण दृश्यों को भी एक दुस्स्वप्न की तरह भुलावा दिया .हमारे लाखों मजदूर नए घरों के बन्ने पर रोक से व , सिनेमा घर , माल टूरिस्ट केंद्र, फिम शूटिंग , हवाई यात्रा होटल बंद होने से बेरोजगारी की मार झेल रहे थे .पर फिर भी हम मारुती कारों , टीवी इत्यादि की बिक्री बढ़ने की खुशी मनाने लगे . सेंसेक्स भी इस खुशी मैं शामिल हो कर ५२००० अंकों पर पहुँच गया .देश आशावान था और खुश था .
तो फिर ऐसा क्या हुआ की आज अमरीका रूस से लेकर पाकिस्तान समेत सारा विश्व भारत की डूबती नैय्या को बचाने के लिए मदद करने की गुहार लगा रहा है . हर शहर के अस्पताल भर चुके हैं . ऑक्सीजन की कमी सी सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है . रेम्देस्विर जैसी दवा के छः इंजेक्शन डेढ़ लाख के ब्लैक मैं बिक रहे हैं . बीमार स्वजनों को लेकर जनता कहाँ जाये पता नहीं . आगे की स्थिति और भी भयावह है . मई अंत तक रोज़ कोरोना के नए मरीजों की संख्या बढ़ कर पांच लाख होने की संभावना है .जनवरी मैं यह संख्या मात्र दस हज़ार थी ! तो यह दस हज़ार से रोज़ के पांच लाख नए मरीजों का सफर क्यों देश को झेलना पडा .
इसके त्रासदी के दो ही मुख्य कारण हैं . देश की जनता ने कोरोना की रोक के सब नार्देशों को भुला कर एक स्वच्छंद जीवन शैली अपना ली . मास्क पहनने से लेकर दो गज की दूरी रखने को भूल कर सब मज़े से बाज़ारों और अन्य भीड़ भाद वाली जगहों पर जाने लगे . पर इससे बड़ी गलती सरकार ने की . देश मैं सैकड़ों बड़ी चुनावी रैलियों की आयोजन कर व् व्यर्थ मैं कुम्भ मेले के आयोजन ने कोरोना को घर घर पहुंचा दिया . जब तक जनता सचेत होती बाजी हाथ से निकल चुकी थी . नयी वैक्सीन के अनुमोदन मैं बहुत देर लगा दी . यद्यपि भारत मैं ११ करोड़ वैक्सीन लग चुकी हैं पर दूसरी वैक्सीन सिर्फ २ करोड़ लोगों को लगी है . पर सब वयस्कों को वैक्सीन लगाना जो मई से शुरू हो रहा है उसे मार्च मैं ही शुरू कर देना चाहिए था . परन्तु सबसे भयानक रोल चुनावी सभाओं व् कुम्भ मेले ने किया जिसने कोरोना को जंगल मैं बडवा नल की आग की तरह देश भर मैं फैला दिया . इसके लिए सरकार ही उत्तरदायी है . देश मैं अब तक १,७७,००० मौतें हो चुकी है . नया वायरस ज्यादा तेज़ी से संक्रमित करता है और ज्यादा लोगों की मौत हो रही हैं . जहां सरकार की यूरी,कश्मीर , राम मंदिर जैसी बड़ी उपलब्धियां भी हैं पर आर्थिक रूप से यह सरकार पूर्णतः अक्षम सिद्ध हुयी है . बेरोजगारी अपने चरम पर है और विकास के झूठे सरकारी आंकड़े व दावे पूरी तरह से अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं . सरकार अब कोरोना पर झूठ बिलकुल न बोले तो अच्छा होगा . जनता का प्रधान मंत्री पर विश्वास है झूटी उपलब्धियां बखान कर इसे न तोड़ा जाय . इतने बड़े देश को दो महीनों मैं कोरोना पर पुनः विजय प्राप्त हो जायेगी .अर्थ वयवस्था अवश्य सुस्त होगी पर इसका कोई इलाज़ नहीं है . जो भूल हो गयी उसका परिणाम भुगतना ही होगा और जले दूध पर रोना बेकार है .
परन्तु जो अंतर्राष्ट्रीय सम्मान हमने पाया था वह सब इस एक भूल ने गंवा दिया है . अमरीका जैसी स्वार्थी देश अब हमें अपमानित कर रहे हैं . अब तक हम बड़े गर्व से अमरीका इटली से अपने को श्रेष्ठ कह रहे थे अब हम सब से बुरी तराह से हारे हुए देश बन गए हैं . परन्तु फिर भी धन्यवाद दें कि हड्डी गयी सो गयी कुत्ते की जात पहचानी गयी . हमको अपने मित्र और शत्रुओं का पता तो चल गया . भविष्य मैं सरकार को हर चीज़ पर राजनीति थोपने से बचना होगा विशेषतः आर्थिक नीतियों मैं राजनीती व तुरंत तालियों की चाह से दूर करना होगा .
एक बात और , सरकार गुप्तचर एजेंसियों से यह जांच भी करवा ले की इस में किसी दुसरे देश या बड़ी कोमप्नियों की साजिश तो नहीं है. यह नया स्ट्रेन का वायरस कैसे भारत मैं आया , यह जानना भी आवश्यक है .
आशा है कि प्रधान मंत्री देश को पुनः इस महामारी व बेरोजगारी से ऊपर उठाने मैं सक्षम होंगे और जनता उन्हीं पूर्ण सहयोग देगी .
COVID second wave: AIIMS chief lists out 2 main reasons for spike in coronavirus cases
The All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) director Dr Randeep Guleria pointed that there are two key reasons for the staggering number of new COVID-19 cases in India.
New Delhi: As the second wave of the novel coronavirus hits India, a staggering number of new COVID-19 cases have been reported in the past few days. The All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) director Dr Randeep Guleria pointed that there are two key reasons for this spike in infections.
Guleria termed the cause of COVID-19 spread as “multifactorial”. “The two main causes are-when in Jan/Feb vaccination started and cases went down people stopped following COVID appropriate behaviour and at this time the virus mutated and it spread more rapidly,” the AIIMS chief told ANI.
Further, he pointed that a lot of religious activities were happening in the country and also voting was held for four states and one Union Territory in the period.
“We must understand lives are also important. We can do this in a restricted manner so that religious sentiment is not hurt and COVID appropriate behaviour can be followed,” he emphasised.
Meanwhile, the total vaccinations across the country crossed the 12 crore mark today with over 26 Lakh doses given in the last 24 hours, the Union Health Ministry said in a press release on Sunday.
Guleria informed that vaccines are helpful but will not prevent the infection if the COVID-appropriate behaviour is not followed. “We have to remember that no vaccine is 100% efficient. You may get the infection but the antibodies in our body will not allow the virus to multiply and you’ll not have the severe disease,” he said.
The AIIMS chief’s remarks on COVID-19 vaccine is similar to other experts’ views.
While on Sunday India reported a record 2,61,500 new COVID-19 cases pushing the caseload in the country to 1,47,88,109. With 1,501 COVID-19 fatalities the death toll has now reached 1,77,150, as per Ministry .