पहले सीमा हैदर ,फिर अंजू , चीनी गाओ और मिसाईल के भेद चुराने वाली जारा दासगुप्ता (पाकिस्तानी छद्म नाम ) – इन संभावित विष कन्यायों का उपयोग ISI के किस बड़े षड्यंत्र के लिए किया जा रहा है ?
अचानक भारत मैं प्रेम का दिखावे मैं पाकिस्तानी महिला आतंकवादियों व जासूसों की झड़ी लग गयी है . हवाई जहाज का हाई जैक शुरू करने वाली पहली आतंक वादी महिला पलेस्टाइन की लीला खालिद ही थी . विष कन्यायों का उपयोग जासूसी मैं सदा से होता आया है . द्वितीय विश्व युद्ध मैं माताहारी तो जासूसी मैं एक बहुत प्रसिद्द नाम है पर अपने देश मैं भी
ISRO के वैज्ञानिक को झूठे केस मैं फंसाने वाली मालदीव की दो महिला मरियम रशीदा व फौजिया हसन ही थीं . हाल ही मैं DRDO के वेज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को अपने नकली प्रेम जाल मैं फंसा कर भारतीय मिसाईल के भेद चुराने वाली पाकिस्तानी महिला भी हिन्दू नाम जारा दासगुप्ता ही कर रही थी.
चार बच्चों समेत अपने पति को छोड़ , भारत नेपाल के रास्ते पोखरा से बस से आने वाली सीमा हैदर की कहानी तो सर्व विदित है . परन्तु उसके मात्र सिन्दूर लगाने को हिन्दू धर्म अपनाने कह कर दया दिखाने की मांग करने वाले भूल जाते हें कि कश्मीर मैं १९४७ से आये हुए हिन्दुओं को सत्तर साल तक नागरिकता नही दी गयी . सीमा ने तो र्सिंफ सिंदूर ही लगाया है पर उसने सेना के अधिकारीयों को क्यों फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. , राजस्थान मैं तो पीढ़ियों से हिन्दू पाकिस्तानी शरणार्थियों को दशकों भारतीय नागरीकता नहीं दी गयी जबकी करोड़ों बंगलादेशी झूठे पहचान पत्र बना कर हमारी छाती पर मूंग दल रहे हें .चालीस हज़ार रोहिंग्या मयन्मार से जम्मू मैं डोग्राओं से लड़ने के लिए बसा दिए जाते हें .सब कुछ जान कर भी सरकार चुप है .
जब तक भारतीय मीडिया पर देश द्रोहियों का ‘ सीमा हैदर को बचाओ’ षड्यंत्रकारी अभियान चल रहा था कि इतने मैं एक भारतीय अंजू पति व दो बच्चों को छोड़ कर पाकिस्तानी वीसा ले कर पाकिस्तान चली जाती है. सामान्यता भारतियों को घूमने का वीसा न देने वाला पाकिस्तान अंजू पर अचानक इतना मेहरबान क्यों हो गया ? मीडिया पर उस पति और दो बच्चों को छोड़ कर घर से भागने वाली दुश्चरित्र औरत को शकुन्तला बनाने और बुर्के मैं भोजन करती और वादियों मैं घूमती शर्मनाक तस्वीरें आने लगीं . जब तक यह सब हमारे यहाँ हो रहा था कि अचानक एक चीनी औरत गाओ चीन से भाग कर एक अठ्ठारह साल के छात्र पाकिस्तानी लड़के से धर्म परिवर्तन के बाद विवाह कर लेती है. उघेर के पीड़ित मुसलमान तो पाकिस्तान आ नहीं पाए और दलाई लामा को तो चीन से पैदल छुप छुप कर आना पडा था और गाओ इतनी आसानी से खुले आम भाग कर पाकिस्तान आ गयी .
प्रश्न यह है कि इतना बड़ा अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र कौन करवा रहा है और इसका प्रायोजन क्या है .
यह मात्र पाकिस्तानी आई एस आई के बस की बात नहीं है. सारा भारतीय मीडिया खरीद कर पूरे देश को नचाना आई एस आई के बूते से बाहर है . जासूसी एजेंसियां अखबारों से दूर रह कर काम करती हें . आई एस आई की औकात तो मुंबई जैसा काण्ड करवाने की ही है . चीन की तो एक औरत ही थी और पूरे भारतीय मीडिया को खरीदना चीन के बस की भी बात नहीं है .
आई एस आई व भारतीय मीडिया को खरीद कर इतना बड़ा खेल तो सिर्फ सी आई ए के अलावा कोई नहीं करवा सकता और यह किसी बहुत बड़े मिशन के लिए किया जा सकता है . या तो यह रूस/ खालिस्तान का बदला लेने के लिए किया जा सकता है या २०२४ के चुनाव से पहले फ्रांस की तर्ज़ पर CAA/UCC के विरुद्ध भारत मैं महिला आतंक वादियों से व्यापक हिंसा करवाने की साज़िश हो सकता है या भारत पाकिस्तान मैं युद्ध छिड़वाने के लिए किया जा सकता है जिसका चीन उपयोग कर सके .
यह सामान्य जासूसी की मुहीम नहीं है बल्कि किसी विनाशकारी बवंडर कि पहली धूल है.. भारतीय मीडिया व न्याय पालिका को पृथ्वी राज चौहान की गलती को दुबारा नहीं दोहराना चाहिए नहीं तो देश को सदियों पीछे जाना पडेगा . दुश्चरित्र सीमा हैदर व उसके पति को पहले जेल मैं बंद करो . अंजू को भारत आते ही गिरफ्तार करो और ऐसी सभी घुसपैठ को तुरंत बंद करो . इसके बाद उन सब की जांच करो जो इनको शकुन्तला व दुष्यंत बना कर पेश कर रहे हें . इनमें से कुछ बहुत गहरे जासूस मिलेंगे .
भारत को देश द्रोहियों की मदद से घुसपैठियों का स्वर्ग कभी नहीं बनने देना चाहिए .


