जहाँ डाल्-डाल् पर
सोने की चिड़ियां करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा…
जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का
पग्-पग् लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा…
ये धरती वो जहां ऋषि मुनि
जपते प्रभु नाम् की माला
जहां हर् बालक् एक् मोहन् है
और् राधा हर् एक् बाला
जहां सूरज् सबसे पहले आ कर्
डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा…
अलबेलों की इस् धरती के
त्योहार् भी है अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग् है
कहीं हैं होली के मेले
जहां राग् रंग् और् हँसी खुशी का
चारो और् है घेरा
वो भारत देश है मेरा
जहां आसमान् से बाते करते
मंदिर और् शिवाले
जहां किसी नगर् मे किसी द्वार् पर
को न ताला डाले
प्रेम् की बंसी जहां बजाता
है ये शाम् सवेरा
वो भारत देश है मेरा॥
जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का
पग्-पग् लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा…