क्या मोदी का द्रौपदी के चीर हरण मैं हाथ था ! सीता हरण मैं भी मोदी का हाथ होने पर टेस्टी शीतलवाड का अनुसंधान चालू है !

द्रौपदी चीर हरण

 

 

 

क्या मोदी का द्रौपदी के चीर हरण मैं हाथ था ! सीता हरण मैं भी हाथ होने पर  टेस्टी शीतलवाड का अनुसंधान चालू है !  

( होली हास्य पूरी तरह काल्पनिक है , कोई नाम सच नहीं है )

 

टेस्टी शीतलवाड की पूरी टीम नोबल प्राइज के लिए नामांकित होने वाली है .

वैसे तो इतिहास पर नोबल प्राइज नहीं मिलता पर मेधावी भाटकर व् औरविन्दू  खंजर्वाल के विशेष आग्रह पर फोर्दू फ़ौंडेशन ने एक इस वर्ष इतिहास का विशेष नोबल प्राइज की दस गुनी राशि अनुदान मैं दे कर खरीद लिया है . उसे टेस्टी शीतलवाड़ व् उनकी टीम को क्रांतिकारी रिसर्च के लिए दिया जाएगा जिससे सिद्ध होता है की वास्तव मैं द्रौपदी का चीरहरण नरेन्द्र मोदी ने करवाया था . इस बात का कोई प्रमाण तो नहीं मिला पर टीम ने बहुत से प्रसिद्ध व्यक्तियों कि गवाही पर इस खोज को आधारित किया है . उनमें प्रमुख इग्नोबेल प्राइज विजेता अमरत्य फेन भी हैं . देश के प्रसिद्ध  इतिहासकारों ने इसका समर्थन भी कर दिया है . उनमें प्रमुख रोमिला खापर , इरफ़ान हड्डिब  व् सी डी कौशम्बी भी हैं . यह भी सिद्ध कर दिया गया है की क्योंकि महाभारत के शतरंज के पांसे गुजरात मैं बने थे इस लिए नरेंद्र मोदी चीरहरण के लिए पूर्णतः जिम्मेवार हैं .

भारतीय इतिहास परिषद् ने भी उनकी इस खोज को मान्यता दे दी है . उसके समर्थन मैं जवाहरमलाल नेहरु विश्व विद्यालय की छात्र परिषद् ने भी कर दिया है . उन्हें  इसके लिए एक दिन की धर्म निरपेक्ष क्रिसमस के त्यौहार के साथ विशेष छुट्टी  भी मिल गयी. मार्क्सवादी पार्टी इसके समर्थन मैं मोदी हटाओ रैली भी करने की घोषणा कर चुकी है . परन्तु अब मात्र एक और प्रलयंकारी खोज का इन्तिज़ार है . टेस्टी शीतलवाड यह लगभग सिद्ध कर ही चुकी हैं की सीता हरण मैं भी मोदी की बहुत अहम् व् निंदनीय भूमिका थी . उनके अनुसन्धान ने इंगित किया है की वास्तव मैं स्वरण  मृग , मारीच राक्षस नहीं बल्कि मोदी था . इसका आधार ज्योतिष का अंकशास्त्र है . मारीच , मृग और मोदी सब ‘ म ‘ अक्षर से शुरू होते हैं . इसलिए इनका गहरा सम्बन्ध है . इतना सम्बन्ध मात्र ही सीतलवाड के समर्थक अंग्रेज़ी चेनलों के लिए लिए काफी साक्ष्य  था. वह अपने टीवी  शो के विज्ञापन भी आरक्षित कर चुके हैं क्योंकि सीता हरण की इस नयी विस्मय कारी खोज की खबर को तो सारा भारत देखेगा और उनकी टी आर पी आसमान पर जा पहुंचेगी . प्रमुख एंकर करण हांपर तो दिगपराजय सिंह का साक्षात्कार भी रिकॉर्ड कर चुके हैं . उन्होंने चेनल के कहने पर मात्र विश्वास पर साक्षात्कार भी दे दिया और कहा है कि हम तो पहले से ही जानते थे की कोई राक्षस ही सीता हरण जैसे घिनोने काम कर सकता है . समस्या केवल मात्र मार्क्सवादी पार्टी की है . वह ज्योतिष को नहीं मानती इस लिए वह इस पर और अनुसंधान की मांग कर रही है . परन्तु शीघ्र ही सीतलवाड  इस को धर्म निरपेक्ष सिद्ध कर देंगी क्योंकि उनकी खोज हिन्दू ज्योतिष नहीं बल्कि यवनों व् इसाईयों की ज्योतिष  से ली गयी है और इस लिए वह धर्म निरपेक्ष व् सत्य है.सीता हरण

मार्क्सवादियों की पूर्व साथी तमिलनाडु की प्रमुख महिला राजनीतिग्य ने भी इसाई ज्योतिष को सार्वजानिक सभा मैं धर्मनिरपेक्ष व् प्रमाणिक बताया है जो की वहां की जनता ने ब्रह्मवाक्य मान लिया है . सीतलवाड़ कार्ल मार्क्स की पड्पोती की गरीब बेटी से इसका अनुमोदन शीघ्र करवा लेंगी जिसके बाद मार्क्सवादी पार्टी भी मान जाएगी .

जब इस खबर को देश के सौ चेनेल सौ सौ बार दिखायेंगे तो कौन इसे झूठ कहेगे . इसे सत्यमेव जयते मैं भी दिखाया जाएगा फिर तो सब सत्य मान लेंगे.

इसलिए आप सब महाभारत व् रामायण के इस नए चुनावी ज्ञान के लिए तैयार हो जाइये.

सुना है की इससे प्रेरित हो कर मलालू  यादव भी श्री कृषण के मथुरा छोड़ कर द्वारका बसने मैं मोदी के षड्यंत्र पर अनुसंधान करवा रहे हैं .वह इस का सम्बन्ध नानो कार के स्थान परिवर्तन से जोड़ेंगे जिसमें सलता बनर्जी भी उनके साथ हैं .dwarkadheesh temple

एक बार चुनाव समाप्त हो जाएँ तो सब चेनल इसका खंडन कर क्षमा मांग लेंगे .

न काहू से दोस्ती न काहू से बैर , चेनलों की बस पैसे से ही खैर

Filed in: Articles, Humour

No comments yet.

Leave a Reply