भारत कांग्रेस मुक्त हो गया मोदी जी : अब भारत के त्वरित विकास के लिए अपना विकास का विराट स्वरुप दिखाइये
मोदी सरकार ने अपना पहला चक्र तो जीत कर पूरा कर लिया . हरयाणा , महाराष्ट्र , कश्मीर व् झारखंड से कांग्रेस का सफाया कर दिया . कांग्रेस के भ्रष्टाचार व् कुशासन को छुपाने के लिए देश मैं सोनिया गाँधी के सब अल्पसंख्यकों को जोड़ कर एक बृहत् हिन्दू विरोधी मंच बनाने के कुत्सित प्रयास का जनता ने प्रत्युतर भी दे दिया . उत्तर प्रदेश व् बिहार को जीतना व् बंगाल को भी कश्मीर की तरह ममता के चुंगुल से निकलना शेष है . कर्णाटक मैं बीजेपी अपनी अंदरूनी लड़ाई से हारी है . अन्नंत कुमार को मुख्य मंत्री बनाने की जिद के लिए बीजेपीने कर्णाटक खो दिया .पर वह भी देर सवेर उचित प्रयासों से ठीक हो जाएगा क्योंकि येदुरप्पा फिर पार्टी मैं आ गए हैं .ओड़िसा , तमिलनाडु व् केरल मैं इतना कुशासन नहीं है इस लिए वहां पूरी तरह जीतना शायद संभव न हो . पर अब उसकी अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है . यदि बिहार व् उत्तर प्रदेश हाथ मैं आ जाएँतो राज्यसभा मैं भी कांग्रेस का वर्चस्व समाप्त हो जाएगा . महंगाई की दर भी कम हो गयी है . इससे जनता को कुछ राहत मिली है . तेल के दाम भी भाग्य से कम हो गए हैं . पकिस्तान व् चीन से भारत का दब्बूपन कम हुआ है . जनता ने पाकिस्तान की सीमापार फायरिंग का उचित जबाब देने को सराहा है . विदेशों मैं भी भारत की साख कुछ बढ़ी है .इस लिए जनता का मोदी जी पर विश्वास कायम है .उत्तर प्रदेश , बंगाल व् बिहार के चुनाव मैं इसका फायदा भी मिलेगा . परन्तु तेल की कीमत के कम होने के बाद भी देश की आर्थिक विकास कि स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुयी है . उद्योगों का विकास बिलकुल रुक सा गया है . देश मैं बाहर का पैसा नहीं आ रहा है . शिक्षा , बिजली , उद्योग,सड़क ,खेती , निर्यात सभी तो जस का तस है . कहीं कुछ नहीं बदला है. सब को पता है कि इतनी जल्दी यह सब ठीक नहीं हो सकता पर कोई क्रांतिकारी परिवर्तन पर चर्चा भी प्रारंभ नहीं हुयी है . वही मंथर गति से देश ‘नौ दिन चले अढाई कोस ‘ की रफ़्तार पर चल रहा है .प्लानिंग कमीशन के बंद होने से जनता को क्या अंतर पड़ता है .वह तो वित्त मंत्रालय की प्लानिंग कमीशन पर जीत है . ऐसे ही वित्त मंत्रालय रेलवे के बजट को बंद करना चाहता है . उससे जनता का क्या भला होना है ? वित्त मंत्रालय के बाबु अपनी ताकत बढ़ने के लिए कुछ झूट बोल देंगे . क्या पुराने वित्त मंत्रियों ने लोन मेले नहीं लगाए या मनरेगा जैसी विनाशकारी योजनायें नहीं चलायीं .क्या रक्षा मंत्रालय , कोयला मंत्रालय , २ जी घोटाले नहीं हुए . सत्ता के दुरूपयोग व् आर्थिक बर्बादी के हमाम मैं तो सब ही नंगे हैं . पर यह सब बड़े बाबुओं का छलावा है और बाबुओं की आपसी लड़ाइयाँ हैं जिन्हें देश हित बता कर लड़ा जा रहा है . इस बकवास से देश नहीं बदलेगा . जिस नए क्रांतिकारी सोच की देश को आवश्यकता है वह अभी तक प्रकट नहीं हुआ है क्योंकि मोदीजी विकास व् प्रगति की कामधेनु को बाबुओं के जंगल मैं ढूंढ रहे हैं . उसके लिए तो सागर मंथन करना पड़ता है . साठ साल से अलसाए बाबु सागर मंथन नहीं कर सकते . सरकार अभी भी कांग्रेस की ही सी चलती दीख रही है . सिर्फ बेईमानी कम हुयी है . उसके बदले नौसिखियापन बढ़ गया है . शेयर मार्किट तो सट्टा है उसका क्या बढना और क्या घटना . सिर्फ बिजली का उत्पादन थोड़ा सा बढ़ा है . प्रश्न है की कब तक हम इस थोड़े की राई को उपलब्धि का बड़ा पर्वत कहते रहेंगे ? समय आ गया है की जनता सरकार से अपने असीम समर्थन व् विश्वास की कीमत मांगे जो सिर्फ त्वरित विकास ही दे सकता है . हम प्रार्थना करते हैं की अब अठखेलियाँ बहुत हो लीं . अब मोदी जी बाबुजाल से निकल अपना वह विकास व् गरीबी मिटाने का विराट स्वरुप दिखाएँ जिसकी जनता को अपे