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कश्मीरी आतंकवादी , अलगवादी व् मुफ़्ती सईद : सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का : केन्द्रीय सरकार की चुप्पी के खतरनाक दूरगामी परिणाम होंगे

कश्मीरी आतंकवादी , अलगवादी व् मुफ़्ती सईद : सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का : केन्द्रीय सरकार की  चुप्पी के खतरनाक दूरगामी परिणाम होंगे   —                                                                                                                             राजीव उपाध्याय RKU

जो डर गया वह मर गया – गब्बर

मुझे यह नहीं समझ आया की २५ सीट वाली बीजेपी २८ सीट वाली पीडीपी से इतना क्यों डरती है. पहले तो १६ मैं से पीडीपी के ११ मंत्री बीजेपी के सिर्फ पांच . उसके बाद पहले दिन से ही अदने से मुफ्ती साहेब ने राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी की देश भर मैं थू थू करवा दी. जिस बीजेपी के प्रथम अध्यक्ष डा श्यामा प्रसाद मुखेर्जी को जहर दे कर कश्मीर मैं मारा गया और जो सदा से धारा ३७० के सदा से खिलाफ थी वह एक के बाद एक अपमान के खून के घूँट क्यों पीने को मजबूर है. किसी तरह अटल बिहारी जी के नाम को बीच मैं ला कर पाकिस्तान से जिस हुर्रियत के कारण बातचीत बंद की थी उसे घोषणापत्र मैं लाना पडा. फिर उसको व् पकिस्तान को मुफ्ती साहेब ने शांति  पूर्णmufti pakistan cartoon 2 चुनाव के लिए धन्यवाद दे डाला . हमारी बहादुर सेनाओं व् चुनाव आयोग जो काम किया उस पर पानी फेर दिया . यह आग ठंडी भी नहीं हुयी थी की अफज़ल गुरु की फांसी पर विवाद शुरू हो गया . पाकिस्तान के एक टीवी चैनल जिओ टीवी के एक प्रोग्राम आपस की बात मैं नजम सेठी ने दस दिन पहले ही कह दिया था की पीडीपी हुर्रियत से बात करने की शर्त  रखेगी . इससे तो यह सिद्ध होता है की मुफ़्ती साहेब की पार्टी भारत पाकिस्तान को दो बिल्ली बना कर बन्दर की तरह रोटी खाना चाहेगी. आगे क्या होगा वह तो अभी कहना  कठिन है पर प्रारंभ बुरा ही हुआ है . देश इस देशभक्तों के अपमान से बहुत आक्रोश मैं है. बीजेपी को तुरंत अपनी प्रक्रिया देनी चाहिये . उसे बिहार मैं बीजेपी के उपमुख्य मंत्री सुशील मोदी की नितीश कुमार की जी हजूरी करने  की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पडी थी . इसी तरह महाराष्ट्र मैं स्वर्गीय बाला साहेब की शख्सियत बीजेपी के दब्बू पने से कहीं ऊपर उठ गयी थी .मुफ्ती साहिब ने तो पहली रात बिल्ली मार ली  .यदि बीजेपी अब चुप रह गयी तो देश भर मैं उसे इस की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी . यदि अमरनाथ यात्रा को अवरुद्ध करना , शंकराचार्य पर्वत का इस्लामी नाम करण  इत्यादि चालू रहे तो इसका दुष्प्रभाव होगा. MUFTI MODI .

सबसे पहले तो वह मुंबई मुनिसिपलिटी गंवायेगी . बिहार , बंगाल व् उत्तर प्रदेश पर भी इसका बुरा प्रभाव पडेगा .बीजेपी के कश्मीर के उपमुख्य मंत्री को अपनी पार्टी को दब्बू नहीं बनने देना चाहिए नहीं तो छह  साल बाद बिहार की तरह कश्मीर से भी बीजेपी का नामों निशाँ मिट जाएगा. आज उसे ममता बनर्जी  से सीख लेनी चाहिए जिन्होंने अपनी छोटी पार्टी को कभी दबने नहीं दिया और इसका भरपूर फायदा उठाया. मोदी जी को समझना चाहिए की जनता ने शेर मोदी को वोट दिया था उसे छोटे से मुफ्ती चूहा नहीं बना सकते. गटबंधन की सीमाएं तो दोनों पक्षों को समझनी चाहिए . मुफ्ती जी को भी प्रधान मंत्री की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए . उन्हें सिर्फ अपने वोटरों की फ़िक्र है तो बीजेपी के वोटरों की फ़िक्र किसको है . जनता देश के इस अपमान के लिए शेर की कम से कम एक दहाड़ तो सुनना चाहती है !

लगता है की अपनी लडकी के आतंकवादियों के द्वारा अपहृत कर लेने को मुफ़्ती साहेब अभी नहीं भूले हैं और वह अभी भी उसकी कीमत चुका रहे है . यह देश उनकी पुत्री को बचाने के बहुत बड़ी कीमत पहले ही चुका है. इंडियन एयरलाइन के हवाई जहाज का अपहरण का दुस्साहस व् कांधार काण्ड भारत की उसी भूल का परिणाम था . अब तो यदि उनको आतंकियों से परिवार की सुरक्षा का इतना डर है तो राजनीती से दूर रहे हैं . कम से कम भारत की जिस थाली मैं उन्होंने जीवन भर खाया है उसमें छेद  तो न करें .modi mufti cartoon

गब्बर के शोले के अमर डायलाग को सब याद रखें कश्मीर मैं जो डर गया वो मर गया

नीचे के कार्टून सिफ़ी .कॉम के हैं जिन्हें देश का मूड दिखाने के लिए संलग्न किया जा रहा है .

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