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उद्दमियों व् उद्योगपतियों का उत्पीडन बंद करें : ६०००० भारतीय करोडपति विदेशों मैं बसे

उद्दमियों व् उद्योगपतियों का उत्पीडन बंद करें : ६०००० भारतीय करोडपति विदेशों मैं बसे
राजीव उपाध्याय     rp_RKU-150x150.jpg

यह अत्यंत खेद का विषय है की जिस नरेन्द्र भाई मोदी की पहचान गुजरात का औद्योगिक विकास था और जिसने बंगाल से खदेड़े गए टाटा को नैनो के लिए गुजरात मैं सस्ती जगह दे कर अपनी प्रसिद्धि करवाई थी, वही मोदी सरकार बेईमान व् धूर्त कांग्रेस्सियों के डर के कारण उद्योगों व् औद्योगिक विकास की राह छोड़ इंदिरा गाँधी के घातक समाजवाद की ओढनी पहने वोट मांग रही है . इसका परिणाम भी वही होगा जो दीख रहा है .
देश का औद्योगिक विकास एक दम थम गया है . बड़े उद्योगों मैं कोई पैसा नहीं लगा रहा है .नवयुवक नौकरी नहीं पा रहे हैं . इंजीनियरिंग व् मैनेजमेंट कोलेजोन की सीट खाली जा रही हैं .यह सब कुछ आंकड़ों की जादूगरी से छुपाया जा रहा है .
पिछलेवर्ष ४००० करोडपति भारतीय विदेशों मैं जा बसे . पिछले चौदह वर्षों मैं ६०००० करोडपति भारत छोड़ विदेशों मैं जा बसे हैं . मेधावी छात्र तो तब भी बहुत मिल जायेंगे परन्तु मेधावी लोगों से भी अधिक जरूरत भारत को हिम्मत वाले उद्दमियों व् उद्योगपतियों की है . सन १९०७ मैं इंग्लैंड से तकनीक ला भारत मैं स्टील बनाने वाले जमशेदजी टाटा का महत्त्व वैज्ञानिक जगदीश बोस से ज्यादा है .एक धीरुभाई अम्बानी दस कैबिनेट सचिवों से ज्यादा महत्वपूर्ण है .कितना ख़तरा उठाया उन्होंने भारत की खातिर , इसका अनुमान करना भी दूहर है. उद्योगपति देश की वास्तविक पूँजी हैं .
पिछले दो वर्षों मैं कुछ केजरीवाल व् कुछ राहुल गाँधी के व्यक्तव्यों से जैसे सूट बूट की सरकार , कोर्पोर्ट का एजेंट इत्यादि को गलत सिद्ध करने के फेर मैं मोदी सरकार ने बाबुओं को उद्योगपतियों को प्रताड़ित करने की छूट दे दी है . बाबु तो जोंक होता है जो सिर्फ उद्योगपतियों का खून चूस कर बढ़ता है .टैक्स आतंकवाद अपनी जगह है . कानून के नाम पर बाबूराज अपनी चरम सीमा पर वापिस आ गया है . ऊपर से इमानदारी का ढकोसला बाबुओं को अत्यंत डरपोक बना रहा है . डरपोक बाबुओं द्वारा दाल के टेंडर को समय पर नहीं देने ने सरकार को लगभग गिरा दिया.ऐसा नहीं की कोयले की खदानों य स्पेक्ट्रम के सस्ते दे देने से देश को लाभ नहीं हुआ . मोबाइल व् ऊर्जा क्षेत्र के चमत्कारिक विकास मैं इनका बहुत योगदान है . महंगे स्पेक्ट्रम ने सब टेलीकोम कोमप्नियों को उधार मैं डुबो दिया है . इस देश मैं ज़मीन की कीमत आसमान को छू रही है . चीन जैसा मजदूरों के ज़बरदस्ती काम वाला कानून नहीं है . तन्खाएँ लगातार बढ़ रहीं हैं . ब्याज दर कहीं ज़्यादा है .बिजली , किराये महंगे हैं . ऊपर से हर पार्टी को चन्दा चाहिए जो उन्हीं उद्योगपतियों से लिया जाता है .दो सालों मैं डालर पंद्रह रूपये महंगा हो गया . फिर भी हमारे स्टील उद्योग को चीन से मुकाबला करना है . इसलिए सस्ते चीनी उत्पाद भारत पर छा रहे हैं .नयी फैक्ट्री थाईलैंड मैं लगाना कहीं सस्ता है तो फिर अंतर्राष्ट्रीय निवेशक भारत मैं क्यों आयें ?हमारा निर्यात एक दम गिर गया है पर कोई चिंतित नहीं है.सस्ते तेल की बैसाखियों से सब खुश हैं .यदि सब कुछ भारत मैं महंगा है तो कुछ तो सस्ता भी करना होगा .

मोदी जी को अब अपने गुजरात के पुराने अवतार मैं ही वापिस आना होगा अन्यथा देश चार से पांच प्रतिशत की पुरानी औद्योगिक विकास की गति पर आ जाएगा . उस अवतार मैं भी तो वह चुनाव जीत गए थे .पिछले साल मात्र ३ लाख करोड औद्योगिक विकास मैं निवेश किये गए . जब आठ प्रतिशत की वास्तविक विकास दर थी तो दस लाख करोड़ रूपये का निवेश हुआ था .जितनी पूँजी विदेशों से आती है उतनी ही बाहर चली जाती है .बिना औद्योगिक विकास के सच्ची प्रगति नहीं हो सकती . यह घर से बाहर जा कर खाना असली विकास नहीं है . यह तो उद्योगों के विकास से जो समृद्धि आती है उसका परिणाम है .इसलिए निरे नए रेअस्तौरेंट को विकास न समझें .
इसलिए अब सरकार को सारे बिगडैल अर्थतंत्र को बदल कर , दम्भी व् मंदबुद्धि बाबुओं को हटा कर असली विकासोन्मुखी लोगों को लाना सत्ता मैं होगा जो उद्योगों की जरूरत समझ सकें .इसी से देश का वास्तविक विकास संभव होगा .

Wealth Drain Is Real & Is Scary – 4000 Indian Millionaires Left Their Motherland In 2015

Besides better standard of living, better facilities and more potential to generate wealth, what can be the reason that 4000 Indian millionaires (in dollars) have ditched their motherland and decided to relocate overseas?

We are still pondering over this question, as latest report from New World Wealth is forcing us to think hard about the possibility of massive wealth drain from India.

As per the report, out of 2.36 millionaires from India, 2% or 4000 left India and settled in another country. Last year, we had reported how India has beaten the massive Russia is creating billionaires and is now ranked after China and US in creating wealth. But with such large scale exodus of the rich, how long will it take to slip back in the ranking?

In 2014, we had proudly stated that Mumbai has more billionaires than Tokyo; but going by the rate of wealth drain, very soon we will lose this pride.

Interestingly, this new report on exodus of the rich perfectly matches with our earlier report on the rich leaving India and choosing another country. Wall Street reported that 43,400 Indian millionaires have left India in the last 10 years; whereas New World Wealth said that in the last 14 years, 61,000 Indian millionaires have ditched their motherland in the last 14 years.

Note here, that the report specifically said that India and China (whose 9,000 millionaires left their country; 1% of their overall millionaires) have nothing to worry, as the number of new millionaires formed is much greater than those who are leaving their countries. The report said, “The outflows from India and China are not particularly concerning as these countries are still producing far more new millionaires than they are losing. Also, once the standard of living in these countries improves, we expect several wealthy people to move back.”

But why PM Modi’s Make in India and Digital India campaigns are failing to retain their best talent? Should the Govt. do something else to stop this wealth drain?

Significant Highlights from The Report

– Sydney is the city which received maximum number of new millionaires in 2015. 4000 or 4% new millionaires arrived in Sydney in 2015; Another Australian city Melbourne is ranked #2 as it received 3000 new millionaires. Tel Aviv was ranked #3; Dubai #4 (2000 new millionaires); San Francisco #5 and Vancouver was ranked #6.

– Australian cities received maximum inflow of millionaires from China, Europe, UK, USA and South Africa

– Tel Aviv received maximum millionaires from France

– USA received maximum inflow from Asia and China

– Dubai is attracting the millionaires from North Africa, notably Egypt, Algeria, Morocco and Turkey

– In London, 3000 new millionaires were formed, while 2500 left the city. Interestingly, those who left the city were UK citizens, while those who entered were Non-European citizens

– Paris lost 6% of their millionaires in 2015; while Rome lost 7%; Chicago lost 2% and Athens in Greece lost massive 9%

– Overall, top 5 countries where maximum millionaires moved in are: Australia (8000 new millionaires); USA (7000); Canada (5000); Israel (4000); UAE (3000)

– Top 5 countries which lost maximum millionaires are: France (10,000 millionaires); China (9000); Italy (6000); India (4000); Greece (3000)

The report also mentions specific reasons which prompted such massive outflow; but for India, no specific reasons were mentioned. If you are aware of the reason why rich Indians are leaving us, then do share your opinions by commenting right here.

You can access the full report here.

Filed in: Articles, Economy

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