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इस्लामिक आतंकवाद का बदलता स्वरुप : अमीर पढ़े लिखे बंगलादेशी आतंकवादी क्या अंततः नए हिटलर पैदा करेंगे

इस्लामिक आतंकवाद का बदलता स्वरुप : अमीर पढ़े लिखे बंगलादेशी आतंकवादी क्या अंततः नए हिटलर पैदा करेंगे

राजीव उपाध्याय RKU

२००७ के ग्लासगो हवाई अड्डे पर हमले करने वालों मैं एक डॉक्टर था और दूसरा इंजिनियर .ओसामा बिन लादेन स्वयं एक सिविल इंजिनियर था . अजहर मसूद के पिता एक स्कूल के हेड मास्टर थे .बँगला देशी रेस्टोरंट के हमलावर बांग्लादेश के प्रतिष्ठित स्कूलों मैं पढ़े हुए अमीर लड़के थे  . मुंबई कांड करवाने वाले पाकिस्तानी सेना के अफसर उच्च पदों पर थे .इन घटनाओं से दो प्रभाव पड  रहे हैं .

१. अमरीका मैं ट्रम्प या विदेशियों के ब्रिटेन मैं आने के खिलाफ ब्रेक्सित का वोट इस बात का द्योतक है की विश्व की सहनशक्ति अब समाप्त हो रही है . ऐसी कुछ और घटनाएं अंततः नए हिटलर को जन्म देंगी .

२.बंगलादेशी नवयुवको को शहीद कह कर अनेकों उच्च  वर्ग के मुसलमान आतंकवाद की तरफ आकर्षित होंगे .सीरिया , इराक इत्यादि से उनमें बहुत रोष है. अमरीका को मुस्लिम राष्ट्रों की संस्कृति मैं दखलंदाजी तुरंत रोकनी होगी.

तारेक फतह के अनुसार इन आतंकवादियों को स्वयं मुसलमान ही ख़त्म करेंगे . यानि कोई के पी एस गिल  और बेंत सिंह उनमें भी पैदा होगा .परन्तु हमें उस अवतार की प्रतीक्षा करनी होगी . मुझे तो वर्तमान सन्दर्भ मैं इसकी कोई संभावना नहीं दीखती क्योंकि मुस्लिम समाज मैं पंजाब के सिखों की तरह आतंकवादियों का खौफ बैठा हुआ है .

दूसरी ओर क्लेश ऑफ़ सिविलिजेशन किताब का घटना क्रम दोहराएगा . चीन, मुसलमान राष्ट्र  व् रूस एक तरफ हो विश्व युद्ध की तरफ अग्रसर होंगे जिसमें चीन व् मुसलमान राष्ट्रों की पराजय होगी .

परन्तु पूरी तरह से पराजित पलेस्टाइन भी आत्मघाती राकेट इजराइल पर दागते  रहते  हैं और इजराइल के हमलों मैं मरते रहते हैं . इसलिए मुसलमान हार कर कितना चुप होंगे यह क्रूरता से उनके दमन पर पर निर्भित होगा .  सऊदी इत्यादि की उनके मदरसों को आर्थिक सहायता पूरी तरह प्रतिबंधित करनी होगी. इसके लिए सभी समाज को सभ्यता छोडनी होगी . इस्लाम को,खुले आम आतंकवाद का पर्याय कहना होगा.

यह दोनों परिस्थितियाँ  भयावह हैं .

हमें कोई के पी एस गिल या बेंत सिंह के जन्म को सहज करने के लिए ओवैसी जैसे आईसिस संदिग्धों के समर्थकों को गिरफ्तार कर जेल मैं डाल देना चाहिए . आईसीस से समझौता नहीं होगा देश के हर मुसलमान को पता होना चाहिए व् आतंकवाद मुसलामानों के लिए कितना घातक है इसका व्यापक प्रचार होना चाहिये . तसलीमा व् तारेक फतह जैसे लाखों लोगों को खुल कर जिहाद का खंडन करना होगा . इसमें लोंगोंवल जैसे अनेक शांति प्रीय साहसी लोग मारे जायेंगे पर विश्व मैं इस्लाम व् मुसलमान बच  जायेगे .

मुसलमानों को  गीता के धर्म रक्षक शांति दूत अवतार की परम आवश्यकता है.

नीचे लिखा रेडिफ का लेख पढ़ें

 

 

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REVEALED: The faces behind the Dhaka terror attack

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July 04, 2016 09:57 IST

As Bangladesh mourns the loss of lives after Islamic State gunmen hacked to death 20 people, mostly foreigners, in a cafe in Dhaka on Friday, photographs of those involved in the attacks have been released by Islamic State, according to US-based Site Intelligence.

It emerges that they are from well-known schools with Western curriculum for the children of the well-to-do in the city, not from any of the madrassas that are often termed as breeding grounds for militants.

Friends and investigators, in fact, say that these five used to frequent the popular upscale eatery in Gulshan where they later carried out the gruesome attack.

One of them has been identified as Rohan Imtiaz, son of Imtiaz Khan Babul, a former youth and sports secretary of Dhaka City Awami League.

Another has been identified as Nibras Islam. His classmates at the private North South University, where students pay high tuition fees, made the recognition.

Young Nibras was the ‘treasurer’ of Australia-based Monash University’s International Student Services for its Malaysia campus.

He returned from Malaysia and enrolled at the private university in Dhaka because ‘he didn’t like it in Monash’. He liked football.

Another gunman has been identified as Mir Samih Mubashir. He had gone missing before the incident.

A local newspaper has reported that Mubashir had been missing for the previous four months.

Gunmen, shouting ‘Allahu Akbar’, stormed the Holey Artisan Bakery, the cafe in Dhaka’s diplomatic heart of Gulshan, on Friday evening.

The assailants took a number of hostages and killed two policemen, who had earlier tried to end the siege.

Commandos stormed the eatery on Saturday morning and rescued 13 hostages. The Army said six attackers had been killed and another caught alive during the rescue operation.

It also said 20 hostages were found dead on the premises. The victims include nine from Italy, seven from Japan and one from India. The three others are Bangladeshis, including one with US citizenship.

Image: US-based SITE Intelligence Group published photos of five unnamed persons, reported to be the Dhaka attackers.

Filed in: Articles, Politics, World

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