जी एस टी के जादूई चिराग से देश का त्वरित आर्थिक विकास : सत्य ,तथ्य व् भ्रांतियाँ
संसद द्वारा जी एस टी विधेयक का अब पास हो जाना निश्चित है. संभवतः वर्ष के अंत तक सब कार्य पूरा हो जाएगा व् अगले बजट मैं यह लागू हो जाएगा . देश के आर्थिक इतिहास मैं एक अत्यंत महत्व पूर्ण घडी है . १९९२ के आर्थिक सुधारों की तरह ही इसके भी निस्संदेह दूरगामी सुखद परिणाम होंगे .
इसका विशेष लाभ हमरे कारखानों को मिलेगा जो जिनका उत्पाद बहुत महंगा था व् विश्व की मंडियों मं अपना स्थान नहीं बना पाता था .विशेषतः चीन से मुकाबले मैं इससे बहुत मदद मिलगी.हमारे निर्यात को बढ़ने व् विदेशी पूँजी निवेश मैं इससे बहुत सहायता मिलेगी.इन सब का आर्थिक विकास पर बहुत प्रभाव पडेगा .
परन्तु आज हमारी अर्थ व्यवस्था मैं कारखानों के उत्पादन का महज १६% हिस्सा है . यह सोलह प्रतिशत हिस्सा इससे अवश्य लाभान्वित होगा . इसके विपरीत कृषि का लगभग १४ % व् सेवाओं का ५० – ६०% हिस्सा है . इनका इससे कोई लाभ नहीं होगा . बल्कि सेवायें सभी पहले से महंगी हो जायेंगी .यदि आपने टीवी . फ्रिज , कर . ए सी खरीद रखे हैं तो आपको जीएसटी लगने से नुक्सान ही होगा क्योंकि बिजली . पानी , सफ़र , टेलीफोन इत्यादी सब महंगे हो जायेंगे और सस्ती होने वाली वस्तुएं अभी खरीदनी नहीं है. फिर भी देश के विकास के लिए जनता यह त्याग कर सकती है.परन्तु सत्य का पूरा बताना भी आवश्यक है.
यह कहना की मात्र जीएसटी से सकल उत्पादन मैं दो प्रतिशत की वृद्धी हो जायेगी तथ्यों के आधार पर सच नहीं प्रतीत होता .क्योंकि कृषि पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा . तथा सेवाओं मैं लगी कम्पनियों को इससे कोई लाभ नहीं होगा जैसे मोबाइल सेवा की कम्पनियां या हवाई यात्रा से सम्बन्धित कंपनियां .
व्यापारियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा . इन्टरनेट पर चीज़ें बेचना मंहगा हो जाएगा .
इन सब के बावजूद यदि देश मैं विदेशी पूँजी निवेश बढेगा तो आय भी बढ़ेगी और आर्थिक विकास भी होगा .परन्तु यह विकास जादूई नहीं होगा .
इसके विपरीत हमारी कृषि के उत्पादन व् उत्पादकता को बढाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा .हरित क्रांति अब फीकी पद चुकी है . जो थोड़ी बहुत गावों मैं प्रगति हुयी थी वह खाद्यान्नों के समर्थन मूल्य को बढ़ा कर हुयी थी . वाजपेयी सरकार की तरह ही यह सरकार खाद्यान्नों समर्थन मूल्य बहुत कम बढ़ा रही है . इससे गाँवों मैं वास्तविक आय घट रही है . ग्रामें आय मैं वृद्धि के बिना गावों मैं मांग नहीं बढ़ेगी .इसलिए गाँवों मैं बहुत अधिक विकास दर नहीं बढ़ सकती .
हमारे बड़े उद्योग कर्जों मैं जकड़े हुए हैं क्योंकि २००७ की प्रगति से उन्होंने बहुत अधिक पूँजी निवेश कर दिया जो की कोंग्रसी सरकार की गलत नीतियों ने फ़ैल कर दिया . वह अभी जल्दी पूँजी निवेश नहीं करेंगे .
बैंकों के कर्जे उतरने के लिए बहुत कंपनियां अपने हिस्से बेचेंगी जिससे विकास अवरुद्ध होगक्योंकि दूध का जला छाछ को भी फूँक फूक कर पीता है
सरकार द्वारा समय पर आयात न कर व्यापरी वर्ग को दाल जैसी चीज़ों के दाम बेतहाशा बढाने देने से गरीब की क्रय शक्ती नहीं बड़ी है और न ही गरीब की आय मैं कोई वास्तविक वृद्धि नहीं हुयी है . देश की अधिकाँश जनता गरीब है . इसलिए देश मैं मांग नहीं बढ़ रही . बिना मांग बढे देशी निवेश नहीं बढ़ सकता .
उत्पादन मैं क्रान्ति उत्पादकता बढाने , मांग बढ़ने से , निवेश बढ़ने से से बढ़ने से आती है .टैक्स के सरलीकरण से मदद अवश्य मिलती है परंतू आर्थिक क्रांति नहीं आती है .इसलिए जीएसटी एक अत्यंत स्वागत योग्य अवश्य है पर अलादीन का चिराग नहीं है .असली आर्थिक समस्यायों को समझन सुलझाने के बजाय हम जादूई चिराग ढूंढ रहे है .यह प्रवृति देश के लिए घातक है .
देश के वित्त मंत्रालय के अहंकारी व् साहसहीन बाबू देश की वास्तविकताओं से अनभिग्य हैं और देश को मायावी जाल से दिग्भ्रमित कर रहे है .
रीडिफ़ का लेख पढ़ें
GST: What will be costlier, cheaper?
Key petroleum products like crude, natural gas, high speed diesel and aviation turbine fuel have been kept out of GST.
IMAGE: Get ready to shell out more for eating out. Photograph: Reuters
India’s biggest taxation reform since 1991, GST, will unify the nation and make it an attractive destination for foreign investments.
Under the GST regime, most manufactured goods will turn cheaper while services will cost more.
Services which are taxed at 15 per cent may be raised to 18 per cent.
However, GST tax rates are not yet fixed and will be decided by the GST council, which will be set up in 60 days.
Take a look at what will be costlier and cheaper once GST comes into effect…
IMAGE: Banking services to cost more. Photograph: Reuters
What’s COSTLIER
Banking, insurance services
Banking services, insurance premium and investment management are likely to cost more.
Medicines
Medicines will also be costlier.
Eating out
Hotels and restaurants will charge you more for food and services.
IMAGE: Mobile calls to cost more. Photograph: Reuters
Mobile calls, handsets
Phone calls, which are cheaper now will cost you more. Mobile phones will be costlier too.
Travelling
Travelling will pinch your pocket too as airfares and train fares will rise.
IMAGE: Cigarettes to cost more. Photograph: Reuters
Cigarettes
Smokers will have to spend more on cigarettes.
Textile and branded jewellery
Textile and branded jewellery may become expensive.
Beauty Parlour
Get ready to shell out more for your hair cut and other services at the parlour.
What’s CHEAPER
Even as you spend more on services, a number of products will turn cheaper.
Cars
Buying your dream car will be easy now as prices of cars, two-wheelers and SUVs may drop by 10-17 per cent. Car batteries are also likely to get cheaper.
Paint, cement
Giving a boost to construction sector, construction materials, paint and cement are likely to turn cheaper.
Movie buffs can rejoice
Watching a movie will be cheaper as entertainment tax will come down.
Consumer durables and electronics
Consumer durables and items like fans, lighting, water heaters, air coolers are also likely to be cheaper. Furniture will be cheaper too.
Biscuits and cakes
Biscuits and cakes will cost less.