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Archive: Poems Subscribe to Poems

आओ फिर से दिया जलाएं – अटल बिहाई वाजपेयी

आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी...

सोहन लाल द्विवेदी – तुम्हें नमन

चल पड़े जिधर दो डग, मग में चल पड़े कोटि पग उसी ओर ; गड़ गई जिधर भी एक दृष्टि गड़ गए कोटि दृग उसी ओर, जिसके...

किसको नमन करूँ मैं भारत?

– रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ, मैं ? मेरे प्यारे देश !...

विजयी के सदृश जियो रे – रामधारी सिंह ‘दिनकर’

वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा संभालो चट्टानों की छाती से दूध निकालो है रुकी जहाँ भी धार शिलाएं...

कलम, आज उनकी जय बोल – रामधारी सिंह “दिनकर”

जला अस्थियां बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल। कलम,...

हो गई है पीर पर्वत – दुष्यंत कुमार

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए आज यह दीवार, परदों की तरह...

शोरा जो पहचानिए

शोरा जो पहचानिए,जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा-पुर्जा कट मरे,कभी ना छाडे खेत| जो धो प्रेम खेलन का चाव, सिर...

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’

आज सिंधु ने विष उगला है लहरों का यौवन मचला है आज हृदय में और सिंधु में साथ उठा है ज्वार तूफानों...

चित्रकार तू चित्र बना दे..

चित्रकार तू चित्र बना दे, उन सैनिक मतवालों का, मातृभूमि हित बलिवेदी पर शीश चढाने वालों का, वीर...

कलम, आज उनकी जय बोल (रामधारी सिंह ‘दिनकर’)

जो अगणित लघु दीप हमारे तूफानों में एक किनारे जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन मांगा नहीं स्नेह मुंह खोल कलम,...